Chemistry, asked by Shreyahazra2140, 11 months ago

ऐल्कोहॉल एवं जल के एक विलयन में आण्विक अन्योन्यक्रिया की क्या भूमिका है?

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Answered by shishir303
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ऐल्कोहॉल एवं जल का विलयन राउट के नियम से धनात्मक विचलन को दिखाता है। क्योंकि एल्कोहल एवं जल के विलियन में  एल्कोहॉल और जल के अणु अंतरा आणविक  H-बंध बनाते हैं। ये H-बंध H₂O-H₂O और एल्कोहॉल-एल्कोहॉल के H-बंधों से कमजोर बंध होते हैं, इस कारण इसके अणुओं की वाष्प अवस्था में जाने की प्रवृत्ति प्रबल हो जाती है।

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पाठ ‘विलयन’ (रसायन विज्ञान - भाग 1, कक्षा - 12) के कुछ अन्य प्रश्नों के लिये नीचे दिये लिंक्स पर जायें...  

222.6g एथिलीन ग्लाइकॉल, तथा 200 g जल को मिलाकर प्रतिहिम मिश्रण बनाया गया। विलयन की मोललता की गणना कीजिए। यदि विलयन का घनत्व 1.072 g mL हो तो विलयन की मोलरता निकालिए।  

https://brainly.in/question/15470362

एक पेय जल का नमूना क्लोरोफॉर्म   से, कैंसरजन्य समझे जाने की सीमा तक बहुत अधिक संदूषित है। इसमें संदूषण की सीमा 15 ppm (द्रव्यमान में) है-

(i) इसे द्रव्यमान प्रतिशत में व्यक्त कीजिए।

(ii) जल के नमूने में क्लोरोफॉर्म को मोललता ज्ञात कीजिए।

https://brainly.in/question/15470327

Answered by Anonymous
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Answer:

जल के अणु अन्तराआण्विक H- बन्ध बनाते हैं। लेकिन यह H2O-H2O तथा ऐल्कोहॉल-ऐल्कोहॉल H-बन्ध से दुर्बल होते हैं। इससे अणुओं की वाष्प अवस्था में जाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

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