अजमारतीय सरकारचा विवागटान काय भाकरकाला टीकापीयीकामकसले ख
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Explanation:
सरकार देशवासियों को विश्वास दिलाए कि स्थिति नियंत्रण में है
braj kishore singh
ब्रज की दुनिया
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मित्रों, भारतीय संविधान में तीन आपातकाल वर्णित हैं-
1. राष्ट्रीय आपात - अनुच्छेद 352) राष्ट्रीय आपात की घोषणा काफ़ी विकट स्थिति में होती है. इसकी घोषणा युद्ध, बाह्य आक्रमण और राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर की जाती है.
2. राष्ट्रपति शासन अथवा राज्य में आपात स्थिति- अनुच्छेद 356) इस अनुच्छेद के अधीन राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनज़र, राष्ट्रपति महोदय संबंधित राज्य में आपात स्थिति की घोषणा कर सकते हैं. जब किसी राज्य की राजनैतिक और संवैधानिक व्यवस्था विफल हो जाती है अथवा राज्य, केंद्र की कार्यपालिका के किन्हीं निर्देशों का अनुपालन करने में असमर्थ हो जाता है, तो इस स्थिति में ही राष्ट्रपति शासन लागू होता है. इस स्थिति में राज्य के सिर्फ़ न्यायिक कार्यों को छोड़कर केंद्र सारे राज्य प्रशासन अधिकार अपने हाथों में ले लेती है.
3. वित्तीय आपात - अनुच्छेद 360) वित्तीय आपातकाल भारत में अब तक लागू नहीं हुआ है. लेकिन संविधान में इसको अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है. अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपात की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा तब की जाती है, जब राष्ट्रपति को पूर्ण रूप से विश्वास हो जाए कि देश में ऐसा आर्थिक संकट बना हुआ है, जिसके कारण भारत के वित्तीय स्थायित्व या साख को खतरा है. अगर देश में कभी आर्थिक संकट जैसे विषम हालात पैदा होते हैं, सरकार दिवालिया होने के कगार पर आ जाती है, भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने की कगार पर आ जाए, तब इस वित्तीय आपात के अनुच्छेद का प्रयोग किया जा सकता है. इस आपात में आम नागरिकों के पैसों एवं संपत्ति पर भी देश का अधिकार हो जाएगा. राष्ट्रपति किसी कर्मचारी के वेतन को भी कम कर सकता है. गौरतलब है कि संविधान में वर्णित तीनों आपात उपबंधों में से वित्तीय आपात को छोड़कर भारत में बाकी दोनों को आजमाया जा चुका है. भारत में कभी वित्तीय आपात लागू न हो, इसकी हमें प्रार्थना करनी चाहिए.
Explanation:
मुंबई : महाराष्ट्रात कोरोना रुग्णांची संख्या कमी झालेली असली तरी कोरोना संसर्ग कायम आहे. त्यामुळे आगामी काळात कोरोनाच्या तिसऱ्या लाटेची शक्यता विचारात घेऊन राज्य सरकारने मोठा निर्णय घेतलाय. सरकारने प्रशासकीय बदल्यांना केवळ 14 ऑगस्टपर्यंत परवानगी दिलीय. मात्र, 14 ऑगस्टनंतर कोणत्याही बदल्या करता येणार नाही, असे आदेश दिले आहेत. या आदेशात 14 ऑगस्टपर्यंत केवळ विहित कालावधी पूर्ण झालेल्या 15 टक्के मर्यादित सर्वसाधारण बदल्या करण्याचेही निर्देश देण्यात आले आहेत (MVA government take important decision on administrative transfer amid corona third wave).
सरकारने आपल्या आदेशात म्हटलं आहे, “सद्यस्थितीत महाराष्ट्र हे कोरोनाबाधित राज्य आहे. त्यामुळे तिसऱ्या लाटेची संभाव्य शक्यता लक्षात घेता बदली भत्त्यावरील खर्च मर्यादित करण्यात येत आहे. सर्वसाधारण बदल्या या एकूण कार्यरत पदांच्या 15 टक्के एवढ्या मर्यादेत बदली अधिनियमातील कलम 6 अन्वये सक्षम प्राधिकाऱ्याच्या मान्यतेने कराव्यात. ज्या अधिकारी आणि कर्मचाऱ्यांचा संबंधित पदावर कार्यकाळ पूर्ण झालाय अशाच बदल्या कराव्यात. या बदल्यांची कार्यवाही 31 जुलैपर्यंत पूर्ण करण्यात यावी. यानंतर जी पदं रिक्त राहतील त्या पदांवर विशेष कारणास्तव बदल्या करण्यास 1 ऑगस्ट ते 14 ऑगस्ट या काळात परवानगी असेल.”