अलंकार बताए :
1)खिले हजारों चांद तुम्हारे नयनों के आकाश। में ।
2) बरसत बरिद बूंद गहि चाहत चढन अकाश।
Answers
2Anpras
1) मंविकारn
2) अनुप्रास
अलंकार बताए :
1)खिले हजारों चांद तुम्हारे नयनों के आकाश। में ।
2) बरसत बरिद बूंद गहि चाहत चढन अकाश।
Answer:
1) खिले हजारों चांद तुम्हारे नयनों के आकाश।
खिले हजारों चांद तुम्हारे नयनों के आकाश। में मानवीकरण अलंकार है |
मानवीकरण अलंकार का अर्थ है, प्रकृति की चीज़ों को मनुष्य के रूप में वर्णन करना| जब जड़ प्रकृति के पदार्थो में मानवीय गुणों का आरोप करके उनको मानव के समान सजीव चित्रित किया जाता है , वहाँ मानवीकरण अलंकार होता हैं| जब काव्य में प्रकृति को मानव के समान चेतन समझकर उसका वर्णन किया जाता है |
2) बरसत बरिद बूंद गहि चाहत चढन अकाश।
बरसत बरिद बूंद गहि चाहत चढन अकाश। में अनुप्रास अलंकार है |
अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है, वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।