अल्पकालीन स्मृति के अध्ययन की विधियाँ लिखिए।
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ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्राप्त सूचनाएं जब हमारे ध्यान में आती हैं तो वे अल्पकालीन स्मृति का भाग बनती हैं। यहां उल्लेखनीय है कि संवेदी स्तर की वे सभी सूचनाएं जिन पर हम ध्यान नहीं देते वे समाप्त हो जाती हैं। केवल वहीं सूचनाएं जिन पर हम एकाग्र होते है वे अल्पकालीन स्मृतियां बनती हैं। अल्पकालीन स्मृति को क्रियात्मक स्मृति भी कहा जाता है। इस प्रकार की स्मृति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हमारे द्वारा कोई फोन नंबर याद करना है। जब हम किसी नंबर को देख कर उसे डायल करते हैं तो दो बाते होती हैं। सबसे पहले हम नबर को देखते हैं और उसे कुछ एक बार दोहरा के याद करते हैं फिर नंबर डायल करने के बाद सामान्यतः उसे भूल जाते हैं। अतः इस प्रकार की स्मृति के संबंध में दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। प्रथम, अल्पकालीन स्मृति की क्षमता बहुत कम होती है (सामान्यतः इसका मान 7±2 होता है, अर्थात् हम 5 से 9 अंको तक की कोई संख्या आसानी से याद कर सकते हैं। यदि हमें 14 अंको की कोई संख्या याद करनी हो तो इसे दो के जोड़े में बदल कर याद करते हैं।) द्वितीय, इस प्रकार की स्मृति में अगर एकाग्रता में थोड़ी भी कमी से हमारा ध्यान बंट जाए तो स्मृति शेष नहीं रह जाती। फोन वाले उदाहरण में अगर नंबर याद करने और डायल करने के बीच में कोई दूसरी बात हो जाए तो हमें नंबर याद नहीं रहेगा। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इस प्रकार की स्मृति में सूचना का कुल संग्रहण 20 से 30 सेकेंड तक ही होता है। लेकिन अगर सूचना को दोहराया जाए तो यह समय 20 से 30 सेकेंड से अधिक भी हो सकता है। और अगर बार-बार ध्यान से दोहराएं तो यह सूचना दीर्घकालीन स्मृति में परिवर्तित हो जाती है।