Biology, asked by nabila5327, 8 months ago

अमीबा का आहार क्या होता है? भोजन के अन्तर्ग्रहण की विभिन्न विधियों का सचित्र वर्णन कीजिये।

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Answered by RvChaudharY50
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Answer:

उत्तर-

अमीबा पोषण के आधार पर होलोजोइक प्राणी है एवं भोजन ग्रहण करने के आधार पर सर्वाहारी (Omnivorous) है। भोजन अन्त:ग्रहण भक्षाणु क्रिया (Phagocytosis) द्वारा होता है।

इसका मुख्य भोजन शैवाल, जीवाणु, डाऐटम, छोटे-छोटे प्रोटोजोआ होते हैं।

भोजन का अन्तःग्रहण (Ingestion of Food)-

अमीबा में भोजन अन्तर्ग्रहण निम्न विधियों द्वारा दिया जाता है

आयात (Import)-

इस विधि में अमीबा भोजन ग्रहण करने का प्रयास करता है अर्थात् यह एक निष्क्रिय (Inactive) विधि है।

भोजन जैसे ही अमीबा के सम्पर्क में आता है वेसे ही भोजन धीरेधीरे कोशिका में धंसता चला जाता है। इस प्रकार अन्तर्ग्रहण अमीबा की वेरूकोसा प्रजाति में पाया जाता है।

अन्तर्वलन (Invagination)-इस विधि में भोजन जैसे ही अमीबा के सम्पर्क में आता है उस स्थान पर एक्टोप्लाज्म (Ectoplasm) एण्डोप्लाज्म (Endoplasm) में धंस कर एक नलिका का निर्माण करता है। इस नलिका के अन्तस्थ सिरे पर आहार (Food) पहुँच जाता है तथा खाद्य रिक्तिका का निर्माण होता है।

परिभितिकाशन (Circumvallation)-इस विधि में अमीबा के आगे दो कूटपाद (Pseudopodia) एक कप के समान रचना का निर्माण करते हैं, जिसे आहार कप (Food Cup) कहते हैं।

आहार रूप की सहायता से भोजन को चारों ओर से घेर लेता है। अन्ततः दोनों कूटपाद (Pseudopodia) के अन्तिम सिरे जुड़ जाते हैं एवं भोजन का अन्तर्ग्रहण कर लिया जाता है। लेकिन भोजन के साथ जल भी अन्दर आता है एवं खाद्य रिक्तिका (Food Vacuale) का निर्माण होता है।

परिप्रवाह (Circumfluence)-इस विधि में जैसे ही भोजन अमीबा के कूटपाद (Pseudopodia) के सम्पर्क में आता है, कूटपाद (Pseudopodia) भोजन के ऊपर फैल जाता है एवं फिर इसको अन्दर ले लिया जाता है। इस क्रिया में 1-2 मिनट लगती है।

पादभों की उत्तरोत्तर स्थितियाँ ।

भोजन पाचन (Digestion of Food)-

अमीबा में अन्त:कोशिकीय (Intra cellular) पाचन पाया जाता है। अमीबा में। पाचन खाद्य रसधानियों में सम्पन्न होता है इसलिये इन्हें जठर धानियाँ (Gastric Vacuole or gastrioles) भी कहते हैं।

खाद्य रसधानियों में पहले अम्लीय व बाद में क्षारीय मध्यम पाया जाता है। अम्लीय माध्यम में सक्रिय शिकार को मारा जाता है। इस दौरान खाद्य रसधानी से जल बाहर निकलता है, जिससे यह आकार में छोटी हो जाती है।

जब खाद रसधानी के साथ लाइसोसोम जुड़ जाते हैं तो माध्यम क्षारीय हो जाता है। प्रोटीन का पाचन करने हेतु ट्रिपसीन (Trypsin), पैप्टीडैज (Peptidase) एवं प्रोटीनेज एन्जाइम पाये जाते हैं । वसा का पाचन लाइपेज द्वारा होता है। भोजन का पूर्ण पाचन एक दिन में हो जाता है।

अवशोषण एवं स्वांगीकरण (Absorption and Assimilation)-

पाचन के समय चक्रगति के द्वारा खाद्य रिक्तिको इधरउधर घूमती रहती है तथा पचा हुआ भोजन कोशिका द्रव्य में विसरित होता जाता है जिसका उपयोग अनेक उपापचयी क्रियाओं में तथा कोशिका द्रव्य निर्माण में लिया जाता है। इस क्रिया को स्वांगीकरण कहते हैं।

बहिक्षेपण (Egestion)-

अपचित भोजन को शरीर से बाहर कर दिया जाता है। इस बाहर निकालने की क्रिया को बहिक्षेपण कहते हैं। यह क्रिया यूरॉइड (Uroid) भाग से होती है।

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