Biology, asked by raghavs56031, 10 months ago

वलन-अवलन सिद्धान्त के अनुसार अमीबीय गति को समझाइए।

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Answered by RvChaudharY50
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Answer:

आणविक वलन व अवलन सिद्धान्त-यह सिद्धान्त गोल्डैकर तथा लॉर्क ने 1950 में प्रस्तुत किया था। इसके अनुसार प्लाज्मासोल व प्लाज्माजेल अवस्थाएँ प्रोटीन श्रृंखलाओं में वलन व अवलन का परिणाम हैं। पॉली पेप्टाइड श्रृंखलाओं के यूरोइड भाग में वलित व संकुचित होने पर प्लाज्माजेल, प्लाज्मासोल में परिवर्तित हो जाता है तथा अग्र भाग में जब पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला सीधी होने लगती हैं, तो प्लाज्मासोल, प्लाज्माजेल में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रकार प्लाज्मासोल अवस्था वलन के कारण तथा प्लाज्माजेल अवस्था अवलन के फलस्वरूप होती है।

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