Hindi, asked by Kaetae, 1 year ago

An essay on world unity in hindi

Answers

Answered by cute38
1
एकता' में अपार शक्ति होती है। एकता एक प्रबल शक्ति है। यह वीरता और बलिदान के कार्यों को बढ़ावा देती है और जनता में आत्म-विश्वास उत्पन्न करती है। यह देशवासियों को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। संसार के अनेक राष्ट्रों ने एकता की भावना से प्रेरित होकर अभूतपूर्व उन्नति की है। एकता जनता को व्यक्ति और समाज, दोनों के रूप में प्रोत्साहन और प्रेरणा देती है।

भारतवर्ष एक विशाल देश है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के विकास का इतिहास बहुत लम्बा और उत्थान-पतन की घटनाओं से भरा है। भारत अनेकता में एकता का देश है। इसके अंदर भौतिक विषमताओं के साथ-साथ भाषा, धर्म, वर्ण, रूप-रंग, खान-पान और आचारों-विचारों में भी विषमता पाई जाती है, किन्तु फिर भी भारत एक सुसंगठित राष्ट्र है।

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एकता दिखायी देती है । एक धागे को छोटा बच्चा भी तोड़ सकता है पर उन्ही धागों से बनी रस्सी को हाथी भी नहीं तोड़ सकता । एकता से प्राप्त होने वाली सफलता का शानदार उदाहरण पेश करती हैं चींटियाँ । वे मिलजुल कर हर कठिन काम को आसानी से कर लेती हैं । मधु-मखियाँ भी मिलकर शहद इक्क्ठा करती हैं और एकता का संदेश देती हैं। 

जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन आरम्भ किया तो समूचा राष्ट्र एक भावना से गांधीजी के साथ हो लिया। एकता के अभाव अथवा दलगत स्वार्थों के प्रभाव से देश पर बहुत चोट पड़ी है। यदि हम प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास पर नज़र डालें तो ज्ञात होगा कि एकता के अभाव में ही भारत को समय-समय पर विदेशी आक्रमणों और लूट-पात के आघात-प्रतिघात को सहना पड़ा। 

अब हमें अपनी आज़ादी की रक्षा के लिए आंतरिक संगठन और भावात्मक एकता के महत्त्व को समझना अति आवश्यक है। आज आवश्यकता है ऐसे प्रचार व प्रसार की, जिससे लोग अनुभव करें कि हम सब एक हैं। हम सब भारतीय हैं। भारतीय संस्कृति ही हमारी संस्कृति है। इस संस्कृति की तथा भारतीय गौरव की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। राष्ट्र-निर्माण हेतु हमें तन-मन-धन से योगदान करना है। हमें अब ऐसे वातावरण का ढांचा तैयार करना चाहिए जिससे अखिल-भारतीय एकता का संचार हो और जिसमें विघटनकारी सांप्रदायिक प्रवृतियों को पनपने का अवसर न मिल सके। 

आज कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए भाषा, जाति, धर्म आदि की दीवारें खड़ी करते हैं। इससे देश की एकता टूटती है। सभी को एकता में रहना चाहिए इसी में ही हमारी और देश की भलाई है। इसलिए देश के नेताओं का यह परम कर्तव्य है कि वे स्वार्थपरता और गुटबंदी के विचारों को छोड़कर समस्त राष्ट्र का हितचिंतन करते हुए जनता में एकता के भाव उत्पन्न करें।




hope it will help you and mark it as a brainlist becoz I am sure it is the answer

vishwas60: hi dear
cute38: hello
vishwas60: how r u dear
vishwas60: cute ur so cute
cute38: oo so sweet of u
vishwas60: thnkx dear
vishwas60: how r u
Similar questions