अनुच्छेद लिखिए "अगर मेरे पंख होते"
कक्षा में प्रथम आने पर अपने मित्र को बधाई पत्र लिखिए
कृपया करके सिर्फ हिंदी भाषा में ही उत्तर दें , हिंदी भाषा के अलावा सभी अन्य भाषाएं वर्जित है :)
धन्यवाद !
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अनुच्छेद लिखिए "अगर मेरे पंख होते"
पंख होने पर मैं भी आकाश-विहारी बन जाता। धरती के बंधन से मुक्त होकर मैं भी पक्षियों की तरह आकाश में अपनी इच्छा के अनुसार सैर करता। मैं दूर-दूर तक, ऊँची-ऊँची मनचाही उड़ानें भरता। मैं बहुत निकट से बादलों की शोभा और इंद्रधनुष की रंगावली देखता। हवा के इस महासागर में तैरने का आनंद ही कुछ निराला होता है।यदि मेरे पंख होते तो मैं नित्य नए-नए सुंदर, विशाल, सघन जंगलों की सैर करता रहता। न शेर का डर होता, न बाघ या चीते का भय। खाने-पीने की चिंता ही न रहती। वृक्षों पर बैठकर मनचाहे मधुर फलों का स्वाद लेता।
किसी से झगड़ा होने पर मुझे पिटने का भी भय न होता। मकर संक्रांति के अवसर पर बिना जेब हल्की किए मेरे पास पतंगों का ढेर लग जाता। माँ कोई सामन मँगाती तो मैं झट से उड़कर ले आता। कहीं कोई दुर्घटना होती तो मैं तुरंत वहाँ पहुँचकर दुर्घटनाग्रस्त लोगों की सहायता करता और वहाँ का सारा वृत्तांत ले आता। अखबारों की मुझे गरज ही न रहती।
सचमुच, जब मैं बस की लंबी लाइन में खड़ा होता हूँ या किसी टैक्सी का इंतजार करता हूँ, तो यही सोचता हूँ- काश! मेरे पंख होते, फिर मुझे गुप्तजी की ये पंक्तियाँ याद आ जाती हैं-
कक्षा में प्रथम आने पर अपने मित्र को बधाई पत्र लिखिए
5/32, भोपाल खण्ड
मोहन नगर
भोपाल- 462021
4 मई 2021
प्रिय मित्र मित्र का नाम,
मैं और मैरा परिवार तुम्हारे शुभ दिन की कामना करता है। हाल ही में मैने तुम्हारी कक्षा 10वी/12वी की मुख्य परीक्षा में प्रथम स्थान आने की बात सुनी है। यह बहुत ही आकर्षक है। मैं तुम्हे परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई देता हूँ। एवं मुझे तुम्से ऐसी ही आशा रहेगी तथा मुझको तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम इसके बाद भी अध्ययन जारी रखोगे एवं इसी प्रकार से कठिन परिश्रम के द्वारा प्रत्येक परीक्षा में ऐसे ही उच्च सफलता प्राप्त करोगे। इससे विद्यालय/संस्था एवं पूरे परिवार का गौरव भी बढेगा। मैने तुम्हारी 10वी/12वी की मुख्य परीक्षा में प्रथम आने की बात अपने परिवार को बताई इस बात को सुनकर सभी बहुत खुश हुए। एवं बधाई भी दी।
तुम्हारा प्रिय मित्र ,
अजित .
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अनुच्छेद लिखिए "अगर मेरे पंख होते"
पंख होने पर मैं भी आकाश-विहारी बन जाता। धरती के बंधन से मुक्त होकर मैं भी पक्षियों की तरह आकाश में अपनी इच्छा के अनुसार सैर करता। मैं दूर-दूर तक, ऊँची-ऊँची मनचाही उड़ानें भरता। मैं बहुत निकट से बादलों की शोभा और इंद्रधनुष की रंगावली देखता। हवा के इस महासागर में तैरने का आनंद ही कुछ निराला होता है।यदि मेरे पंख होते तो मैं नित्य नए-नए सुंदर, विशाल, सघन जंगलों की सैर करता रहता। न शेर का डर होता, न बाघ या चीते का भय। खाने-पीने की चिंता ही न रहती। वृक्षों पर बैठकर मनचाहे मधुर फलों का स्वाद लेता।
किसी से झगड़ा होने पर मुझे पिटने का भी भय न होता। मकर संक्रांति के अवसर पर बिना जेब हल्की किए मेरे पास पतंगों का ढेर लग जाता। माँ कोई सामन मँगाती तो मैं झट से उड़कर ले आता। कहीं कोई दुर्घटना होती तो मैं तुरंत वहाँ पहुँचकर दुर्घटनाग्रस्त लोगों की सहायता करता और वहाँ का सारा वृत्तांत ले आता। अखबारों की मुझे गरज ही न रहती।
सचमुच, जब मैं बस की लंबी लाइन में खड़ा होता हूँ या किसी टैक्सी का इंतजार करता हूँ, तो यही सोचता हूँ- काश! मेरे पंख होते, फिर मुझे गुप्तजी की ये पंक्तियाँ याद आ जाती हैं-
कक्षा में प्रथम आने पर अपने मित्र को बधाई पत्र लिखिए
5/32, भोपाल खण्ड
मोहन नगर
भोपाल- 462021
4 मई 2021
प्रिय मित्र मित्र का नाम,
मैं और मैरा परिवार तुम्हारे शुभ दिन की कामना करता है। हाल ही में मैने तुम्हारी कक्षा 10वी/12वी की मुख्य परीक्षा में प्रथम स्थान आने की बात सुनी है। यह बहुत ही आकर्षक है। मैं तुम्हे परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई देता हूँ। एवं मुझे तुम्से ऐसी ही आशा रहेगी तथा मुझको तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम इसके बाद भी अध्ययन जारी रखोगे एवं इसी प्रकार से कठिन परिश्रम के द्वारा प्रत्येक परीक्षा में ऐसे ही उच्च सफलता प्राप्त करोगे। इससे विद्यालय/संस्था एवं पूरे परिवार का गौरव भी बढेगा। मैने तुम्हारी 10वी/12वी की मुख्य परीक्षा में प्रथम आने की बात अपने परिवार को बताई इस बात को सुनकर सभी बहुत खुश हुए। एवं बधाई भी दी।
तुम्हारा प्रिय मित्र ,
अजित .