अनुच्छेद लेखन लिखिए ।
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Explanation:
मनुष्य के जीवन में वृक्षों का बहुत ही विशेष महत्व है। पेड़ धरती माता के बेटे हैं और हमारे मित्र भी। वृक्षों से हमें फल, सब्जियां, लकड़ियां, आदि प्राप्त होती हैं। लकड़ी से फर्नीचर, कागज़, गोंद, आदि वस्तुएँ तैयार की जाती हैं। इसके अलावा पेड़ों से बहुत सारी औषधियां तैयार की जाती है, जो हमारे शरीर से संबंधित कई प्रकार के रोगों का उपचार करने में हमारी मदद करती है।
पेड़ ना केवल हमें शुद्ध हवा प्रदान करते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुंदर बनाते हैं। पेड़ पर पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते हैं। तपती धूप में यह मनुष्य को छाया प्रदान कर उसे गर्मियों से बचाने में मदद करती हैं। पेड़ों के ना होने से मनुष्य का जीवन संकट में आ जाएगा। मनुष्य सुख सुविधाओं के लालच में आकर पेड़ों का शत्रु बन बैठा है।
वह निरंतर पेड़ों को काटते जा रहा है जिस कारण हमारे पर्यावरण में दुष्परिणाम पड़ रहे हैं और मनुष्य को कई प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, पहाड़ों का बर्फ लगातार पिघल रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बना रहता है। पेड़ पौधे प्रकृति की शान है इस कारण इंसान धरती पर बचे हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि पेड़ हमारे मित्र हैं। पेड़ों की जड़ें मिट्टी को कसकर जकड़े रहती हैं। जड़ों के कारण उपजाऊ मिट्टी हवा मे उड़ने (मृदा अपरदन) से बची रहती है। पेड़ समय पर बारिश करने में हमारी मदद करते हैं। सचमुच पेड़ हमारे सच्चे दोस्त हैं। हमें उनकी रक्षा करनी होगी।
पेड़-पौधे खुद धूप और तूफान सहते हैं और हमें शीतल हवा और छाया प्रदान करते हैं ना कभी किसी से भेदभाव करते हैं और ना कभी किसी को अपना और पराया कहते हैं। हमें इनकी रक्षा करनी होगी और लोगों को पेड़ काटने से रोकना होगा, इनका हम पर बहुत उपकार है, यदि हमारे जीवन में हमें एक अच्छा जीवन चाहिए तो हमें अपने बच्चों की तरह इन पेड़-पौधों को पालना होगा। शुद्ध हवा और ऑक्सीजन के बिना मानव जीवन असंभव है।
कई प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं और प्रदूषण से भुगतने के पश्चात अब लोगों को वृक्षारोपण का महत्व समझने आने लगा है। अब शहर से लेकर गाँव तक लोगों और सरकार ने मिलझूल कई कार्यक्रमों की शुरुवात की है जिससे की वृक्षारोपण को बढ़ावा मिले। स्कूल और कॉलेज में भी बच्चों और अध्यापकों द्वारा नियमित रूप से वृक्षारोपण के कार्यक्रम चलाये जा रहे है
वृक्षारोपण न केवल शासन का कर्तव्य है बल्कि हमारा भी कर्तव्य है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वृक्षों को ना काटे और काटने से भी रोके। अधिकाधिक वृक्षारोपण करें, ताकि वनों से हमें पर्यटन की सुविधा, पशु पक्षी का दर्शन, प्राकृतिक संतुलन, वनस्पति आदि का लाभ मिलते रहे। अगर वन संपदा नष्ट हो जाएंगी तो प्रकृति को कोप से बचाना बहुत ही मुश्किल होगा।