अनेक पाठकों ने पुस्तक की सराहना की। (कर्मवाच्य में बदलिए)
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प्रश्न में दिया गया वाक्य एक कर्तवाच्य है, इसे कर्मावाच्य में बदलने पर वाक्य इस प्रकार होगा...
कर्तवाच्य — अनेक पाठकों ने पुस्तक की सराहना की।
कर्मवाच्य — अनेक पाठकों द्वारा पुस्तक की सराहना की गयी।
वाच्यों के तीन भेद होते हैं
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
किसी वाक्य में वाच्य का वह रूप जिसमें जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के अनुसार होते हैं उन्हें ‘कर्तवाच्य’ कहते हैं।
वाच्य का वह रूप जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के ना अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार हो उन्हें ‘कर्मवाच्य’ कहते हैं।
‘भाववाच्य’ में भावों की प्रधानता होती है और इसमें ना तो कर्ता की प्रधानता होती है, और ना ही कर्म बल्क अकर्मक क्रिया का प्रयोग होकर भाव ही प्रधान होता है।
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अनेक पाठकों द्वारा पुस्तक की सराहना की गयी ।
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