aनुमान लगाई की गोपियों की कौन सी बात उनके मन में रह गई क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि आपकी बात कोई अधूरी रह गई हो किसी ऐसी घटना के बारे में 80 से 100 शब्दों में लिखिए
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हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
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कृष्ण के प्रति अपने प्रेम भाव को कृष्ण के समक्ष ही पूरी तरह और स्पष्ट रूप से प्रकट कर देने की बात शायद गोपियों के मन में रह गई। इसीलिए वह कृष्ण के विरह में तड़पती रहीं। जब कृष्ण मथुरा जा रहे थे तो गोपियों को आशा थी कि कृष्ण वापस आएंगे और कृष्ण ने उन्हें वापस आने का वचन भी दिया था। इसलिए गोपियों ने उस समय कृष्ण के प्रति अपने प्रेम भावों को स्पष्ट रूप से प्रकट नहीं किया था। उन्होंने सोचा कि कृष्ण वापस आएंगे तब वह धीरे-धीरे अपने मनोभावों को कृष्ण के समक्ष प्रकट कर देंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और कृष्ण वापस नहीं आए। इसलिए गोपियों के मन में यह बात रह गई और वह इसी बात के कारण कृष्ण के विरह की अग्नि में जलती रहीं।
हमारे जीवन में अक्सर ऐसा होता है हम अपने मन की बात किसी से नहीं कह पाते और फिर बाद में वह बात हमारे मन में रह जाती है और वह बात जीवन भर हमें सताती रहती है कि हम काश हम अपने मन की बात उसी समय हिम्मत करके कह दी होती तो आज हमें पछताना नहीं पड़ता।
हमारे जीवन की ऐसी ही घटना है। हमारे माता पिता हमें डाक्टर बनाना चाहते थे। जबकि हमें इंजीनियरिग के क्षेत्र में रुचि थी। हमें मैथमेटिक्स में इंटरेस्ट होने के कारण इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाना था लेकिन माता-पिता मेडिकल क्षेत्र में भेजना चाहते थे। इसलिए उनके उनके समक्ष में अपने मन की बात नहीं कर पाये और उनके अनुसार बायोलॉजी विषय मेडिकल की पढ़ाई के लिए ले लिया। बाद में अरूचि होने के कारण जीवविज्ञान की पढ़ाई भी ढंग से नहीं कर पाये और ना ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लायक रहे।