Hindi, asked by avanti95, 1 year ago

any poem of harivansh ray bachhan


avanti95: but why

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Answered by perfect2003
4
HOPE IT HELPS YOU
PLZ MARK AS BRAINLIST
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avanti95: it was blur image
perfect2003: but it help him
Answered by nishitadeka82
3
hey buddy....
here is the poem of HARIVANSH RAY BACHHAN......

मैंने गाकर दुख अपनाए!

कभी न मेरे मन को भाया,
जब दुख मेरे ऊपर आया,
मेरा दुख अपने ऊपर ले कोई मुझे बचाए!
मैंने गाकर दुख अपनाए!

कभी न मेरे मन को भाया,
जब-जब मुझको गया रुलाया,
कोई मेरी अश्रु धार में अपने अश्रु मिलाए!
मैंने गाकर दुख अपनाए!

पर न दबा यह इच्छा पाता,
मृत्यु-सेज पर कोई आता,
कहता सिर पर हाथ फिराता-
’ज्ञात मुझे है, दुख जीवन में तुमने बहुत उठाये!
मैंने गाकर दुख अपनाए!.....


#hope it helps you...
plzz mark it as brainliest.....^·^
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