अपने मित्र को पत्र लिखिये जसमे हिंदी का महत्व एव लव बताए गए हो
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किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी एक भाषा होती है जो उसका गौरव होती है। राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र के स्थायित्व के लिए राष्ट्रभाषा अनिवार्य रूप से होनी चाहिए जो किसी भी राष्ट्र के लिये महत्वपूर्ण होती है।
निजभाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल।
बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल।
स्वंत्रता प्राप्ति से पूर्व कांग्रेस ने यह निर्णय लिया था की स्वंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की राजभाषा हिंदी होगी। स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को ही हिंदी भाषा को भारत संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दे दी। (राष्ट्र भाषा: हिन्दी पर निबंध पढ़ें।)
किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने के लिए उसमें सर्वव्यापकता, प्रचुर साहित्य रचना, बनावट की दृष्टि से सरलता और वैज्ञानिकता, सब प्रकार के भावों को प्रकट करने की सामर्थ्य आदि गुण होने अनिवार्य होते हैं। यह सभी गुण हिंदी भाषा में हैं।
आज भी हिंदी देश के कोने-कोने में बोली जाती है। अहिंदी भाषी भी थोड़ी-बहुत और टूटी-फूटी हिंदी बोल और समझ सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली आदि राज्यों की यह राजभाषा है। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार में इसे द्वितीय भाषा का दर्जा दिया गया है। शेष प्रांतों में यदि कोई भाषा संपर्क भाषा के रूप में प्रयोग की जा सकती है तो वह हिंदी ही हो सकती है। विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी का पठन-पाठन हो रहा है। परन्तु आज अपने ही देश में हिंदी को तिरस्कृत होना पड़ रहा है। विदेशी मानसिकता के रोग से पीड़ित कुछ लोग आज भी अंग्रेजी के पक्षधर और हिंदी के विरोधी बने हुए हैं।
ऐसे व्यक्तियों की कमी नहीं जो हिंदी को अच्छी तरह बोलना व लिखना जानते हैं लेकिन वे अपने मिथ्याभिमान का प्रदर्शन अंग्रेजी बोलकर करते हैं, फिर चाहे वो सरकारी व्यक्ति हो या आम आदमी। यद्यपि सरकारी आदेशों में यह प्रचारित है की अपना सभी कामकाज हिंदी में कीजिये लेकिन उन्हें यदि कोई पत्र हिंदी में लिखा जाए तो आपको उसका उत्तर अंग्रेजी में मिलेगा। अन्य देशों के प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति जहाँ भी जाते हैं, अपने ही देश की भाषा बोलते हैं परन्तु हमारे राजनेता अन्य देशों को छोड़िये अपने ही देश में अंग्रेजी में बोलकर अपने अहं की तुष्टि करते हैं। संसद में भी प्रश्न अंग्रेजी में पुछा जाता है तो उसका उत्तर अंग्रेजी में मिलता है।
hi!
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प्रिय मित्र,
मै यहाँ कुशल हु और आशा है की तुम भी वह कुशल हो.इस पात्र के माद्यम से मै तुम्हे हिंदी भाषा का महत्त्व बताना चाहती हु.
हिंदी भारत देश का राष्ट्रिय भाषा है.हर साल सितम्बर १४ को हिंदी दिवस मनाया जाता है.भारत देश मे अत्यधिक लोग हिंदी बोलते है.अगर हम हिंदी बोल सकते है तो सारे भारत मे कही भी घूम सकते है.हिंदी सिर्फ भारत मे ही नहीं नेपाल, इंडोनेशिया, चीन इत्यादि देशो मे भी बोले जाते है.आज हिंदी अंतर्जातीय स्तर पर है.यही नहीं स्वतन्त्र उद्यम के समय सब भारतीयों को एक सूत्र मे बांधने मे हिंदी का बड़ा महत्त्व था.देश के लेखको ने हिंदी के ऊपर कई गीत और रचनाएँ लिखी है जिसमे एक हैं ””’ हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्तान हमारा ””’ ये शब्द देश की शान में लिखे गए हैं और हमें गर्व महसूस कराते हैं.
आशा है को तुमने हिंदी भहा का महत्त्व ामाज लिया. माता पिता को मेरे प्रणाम.