apni dharti mata ko unki vyatha ko kam karne ka sankalp let's uhaye ek patra likhiye
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अपनी धात्री माता को उनकी व्यथा को कम कने का एक संकल्प लेते हुए पत्र लिखिए|
आदरणीय धात्री माता जी,
सादर प्रणाम |
आपका पत्र आज मुझे मिला जिसे पढ़कर बहुत दुःख हुआ कि आप आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहीं हैं | आप ने जिस तरह से बचपन में मेरी देखभाल की है तथा कहानियाँ सुनाकर बड़ा किया है, मैं आपको अपनी मान के सदृश मानता हूँ और उतना ही सम्मान करता हूँ | मैं आज ही पिता जी से कहकर आपको कुछ पैसे भिजवाता हूँ तथा आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं मेहनत करके शीघ्र बड़े पद पर पहुँच जाऊँगा | आपके बुढ़ापे का सहारा बनूँगा| आपको किसी चीज की कमी नहीं होने दूँगा |
अब भविष्य में आपकी जिम्मेवारी मेरी हैं, मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि मैं आपका पूरा ध्यान रखूँगा |
आपका प्रिय पुत्र
अमर
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