Hindi, asked by rcjaiyogeshwar6891, 1 year ago

article on vasudeva kutumbakam in hindi

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Answered by swaikamohit
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प्रस्तावना:

वसुधैव कुटूम्बकम का अर्थ है जहां हमारी पूरी पृथ्वी को एक परिवार के रूप में बांध देता है| संस्कृत भाषा यह हमारे प्राचीन भारत की साहित्यिक रूप से संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ और समृद्ध संस्कृत है|

भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता का देश है| संस्कृत भाषा से ही एक महान विचार की उत्पत्ति हुई है| यहाँ हमारी पूरी पृथ्वी पर रहने वाले सभी मनुष्य तथा जीव-जंतु एक ही परिवार का हिस्सा हैं| भारतीय संस्कृत के महत्वपूर्ण तत्व शिष्टाचार, तहजीब, सभ्य संवाद, धार्मिक संस्कार, मान्यताएँ आदि हैं|

भारतीय जीवन शैली

यहाँ भारतीय लोग जबकि हर एक की जीवनशैली आधुनिक हो रही है| संस्कृत भाषा को आज भी लोग अपनी परंपरा एवं मूल्यों को बनाए हुए हैं| विभिन्न संस्कृत और परंपरा और लोगो के बीच की घनिष्ठता ने एक अनोखा देश ‘भारत’ बनाया है|

यह हर एक भारतीय का कर्तव्य है की अपने संस्कृत और उसके वैदिक ज्ञान का अंतरात्मा से अनुकरण करें जिससे हमारी संस्कृत का प्रचार प्रसार बढ़ती रहे और साथ ही तेजस्वी रूप धारण करे| यह वो ज्ञानमय संस्कृत है| जो युतियुक्त कर्म करने की प्रेरणा देती है|

संस्कृत का अर्थ है

हमारे भारतीय संस्कृत का अर्थ है| जहां एक और पूरी वसुधा तथा हमारी पृथ्वी को परिवार के रूप में बांध देता है| सर्वांगीण विकास, सबका विकास तथा हमारे भारतीय संस्कृत की आत्मा छुआछुत को नहीं मानती है| और नही हिन्दू मुस्लमान के भेद-भाव को जानती है| भगवान ने हम मनुष्यों का निर्माण किया है

हम सब उसकी इस सृष्टि को अधिक सुन्दर, अधिक सुखी एवं समृद्ध समुचित बनाने में मदत करें तथा अपनी बुद्धि, क्षमता और विशेषता से अन्य पिछड़े हुये जीवों की सुविधा का सृजन करें|

इतिहास गवाह है

इतिहास गवाह है कि हमारे भारत के महान विचारकों एवं सम्राटो ने पुरे विश्व के कल्याण के लिए हमेशा प्रयास किये हैं| जैसे चक्रवर्ती सम्राट अशोक को जब युद्ध की बुराइयों ज्ञान प्राप्त हुआ तब उन्होंने आत्म शांति के लिए युद्ध से घबराकर बौद्ध धर्म को अपनाया था | हमारे महान भारतीय संस्कार के स्तंभ का उदार विस्तृत चरित्र ही हैं|

जिसने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को दर्शाया है | बौद्ध धर्म का यह संदेश भारत में नहीं बल्कि भारत के बाहर भी स्वंय अपने बच्चों को दूत के रूप में समर्पित कर प्रचार प्रसार किया, इतिहास गवाह है कि भारतियों ने सदैव सभी देशों की संस्कृतियों का, भाषा का, धर्म का आदर किया |

मनुष्य की जीवनशैली

हम सभी जानते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, और समाज की सबसे प्रथम कड़ी होता है परिवार जो विभिन्न रिश्ते-नातो के कारण भावनात्मक रूप से एक-दुसरे से जुड़े रहते हैं वे एक-दुसरे के दुःख-सुख के साथी होते हैं मनुष्य जाति इस धरती पर उच्चतम विकास करने वाली जाति है | बौद्धिक रूप से वह सभी जीवों से श्रेष्ठ है |

निष्कर्ष:

मनुष्य के इस बौद्धिक क्षमता के कारण यह पूरी पृथ्वी का स्वामी है| शारीरिक बनावट के आधार पर सभी मनुष्य एक जैसे होते हैं, उनकी आवश्यकताएँ भी लगभग एक जैसी होती हैं, अलग-अलग स्थानों पर रहने के बावजूद भी उनकी भावनाओं में भी काफी हद तक समानता हैं |

Answered by Anonymous
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Answer:

वसुधैव कुटुम्बकम

Explanation:

वसुधैव कुटुम्बकम 'संस्कृत में एक वाक्यांश है जिसका अर्थ है "हम सभी एक परिवार हैं"। इस विचार या विचार को उस समाज में विकसित करने के लिए, जिसमें हम रहते हैं, हमें पहले अपने पर्यावरण से प्यार करना शुरू करना चाहिए और उन उपहारों को महसूस करना चाहिए जो हमें प्रदान करने हैं.

आज हम इंसान जिस विकट परिसथिति में हैं जहां हम कॉरोना जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं वहां हमें

सारे संसार को एक परिवार कि ही तरह समझना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।आज पूरे विश्व के लिए बोहोत मुश्किल समय है और इस समय हमारे वैज्ञानिक नई कोरॉना की दवाई बनाने में व्यस्त हैं।जो देश कॉरॉना की दवाई बना लेगा वो दूसरे देशों के लिए बोहोत मददगार साबित होगा।

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