Hindi, asked by krishnasoundarya99, 9 months ago

अस्पताल में मरीज को देखने मित्र औपचारिकता बन गया है अपने विचार व्यक्त कीजिए​

Answers

Answered by harshsingh992121
2

Answer:

Explanation:

अस्पताल जाते वक्त बहुत कम लोगों को इस बात का एहसास होता है कि एक उपभोक्ता के नाते उनके भी अधिकार हैं.

डॉक्टर अरुण गदरे और डॉक्टर अभय शुक्ल अपनी किताब 'डिसेंटिंग डायग्नोसिस' में लिखते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं देना किसी सामान बेचने जैसा नहीं है.

डॉक्टर और मरीज़ का रिश्ता ख़ास होता है, जहां डॉक्टर मरीज़ की ओर से कई फ़ैसले लेता है.

पढ़े- 'बिना बताए डॉक्टर ने बच्चेदानी निकाल ली'

स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अस्पताल 'मेडिकल क्लीनिक कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट' के अंदर आते हैं. अगर डॉक्टर की लापरवाही का मामला हो या सेवाओं को लेकर कोई शिकायत हो तो उपभोक्ता हर्जाने के लिए उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं.

पढ़ें- कितना यक़ीन है आपको अपने अस्पताल पर

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Answered by vaibhavshinde145
1

Answer:

Explanation:

अस्पताल जाते वक्त बहुत कम लोगों को इस बात का एहसास होता है कि एक उपभोक्ता के नाते उनके भी अधिकार हैं.

डॉक्टर अरुण गदरे और डॉक्टर अभय शुक्ल अपनी किताब 'डिसेंटिंग डायग्नोसिस' में लिखते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं देना किसी सामान बेचने जैसा नहीं है.

डॉक्टर और मरीज़ का रिश्ता ख़ास होता है, जहां डॉक्टर मरीज़ की ओर से कई फ़ैसले लेता है.

पढ़े- 'बिना बताए डॉक्टर ने बच्चेदानी निकाल ली'

स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अस्पताल 'मेडिकल क्लीनिक कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट' के अंदर आते हैं. अगर डॉक्टर की लापरवाही का मामला हो या सेवाओं को लेकर कोई शिकायत हो तो उपभोक्ता हर्जाने के लिए उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं.

पढ़ें- कितना यक़ीन है आपको अपने अस्पताल पर

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