अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया। * (i)कर्तृवाच्य (ii)कर्मवाच्य (iii)भाव वाच्य (iv) कोई नहीं।
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Answer:
karmvachya
Explanation:
because ko is become aa karm
please thanks the answer
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वाच्य का भेद (i) कर्तृवाच्य
Explanation:
वाच्य क्रिया के उस रूप को कहते हैं, जिससे वाक्य की कर्ता प्रधानता, कर्म प्रधानता अथवा भाव प्रधानता का बोध होता है। इसी के आधार पर क्रिया के लिंग और वचन निर्धारित होते हैं।
वाच्य के तीन भेद होते हैं-
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
(क) कर्तृवाच्य - क्रिया वाणी में विषय प्रधान होता है और क्रिया के लिंग, शब्द और पुरुष उसी के अनुसार होते हैं। जैसे राम आम खाता है। हम नहीं जाएंगे। इन वाक्यों में क्रिया के लिंग, शब्द और पुरुष उसी के अनुसार होते हैं। राम के अनुसार 'राम' और 'खता' में क्रिया मर्दाना, एकवचन, अन्य पुरुष हैं।
(ख) कर्म वचन - क्रिया की वाणी में कर्म की प्रधानता होती है और कर्म के साथ कर्म करने वाले का लिंग, शब्द और व्यक्ति कर्म के अनुसार होता है। जैसे आम राम द्वारा खाया जाता है। वाक्य में 'आम राम द्वारा खाया जाता है', 'खाया' में कर्म के अनुसार लिंग, शब्द और पुरुष हैं। यह वाक्य सकर्मक क्रियाओं से ही बना है।
(ग) भाववाच्य - वाणी में भाव की प्रधानता होती है, विषय और क्रिया की नहीं। क्रिया हमेशा अन्य पुल्लिंग, एकवचन और पुल्लिंग होती है। अकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया है। इसमें कोई कर्म नहीं है। जैसे मैं नहीं जा सकता।
#SPJ2