Hindi, asked by Paulbiplab, 7 months ago

अदभुत सहसी कोन पद्बन्द है​

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Answered by rainasuman917
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भारतीय काव्य शास्त्र के विभिन्न रसों में से एक है, इसका स्थायी भाव आश्चर्य होता है। जब व्यक्ति के मन में विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तुओं को देखकर जो विस्मय आदि के भाव उत्पन्न होता है उसे ही अदभुत रस कहा जाता है। इसके अन्दर औंसू आना, रोमांच, गद्गद होना, काँपना, आँखे फाड़कर देखना आद शामिल हैं। अद्भुत रस के भरतमुनि ने दो भेद इए हैं: दिव्य तथा आनन्दज। वैष्णव आचार्य इसके दृष्ट, श्रुत, संकीर्तित तथा अनुमित नामक भेद करते हैं। उदाहरण :

अखिल भुवन चर-अचर सब, हरि मुख में लिख मातु।

चकित भई गद्गद बचना, विकसित दृग पुलकातु।।

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