अथवा
उदाहरण सहित विश्लेषण कीजिए कि क्यों भक्ति और सूफी चिंतकों
ने अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए विभिन्न भाषाओं का
प्रयोग किया।
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यह सत्य है कि भक्ति और सूफ़ी चिंतकों ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए विभिन्न भाषाओं का प्रयोग किया। यही कारण था कि उन्होंने अपने उपदेशों में स्थानीय भाषाओं का प्रयोग किया। तमिलनाडु के अलवार (विष्णु के भक्त) और नयनार (शिव के भक्त) सन्तों ने अपने विचार जनसामान्य तक पहुँचाने के लिए स्थानीय भाषा का प्रयोग किया।
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