अधोलिखितेषु पदेषु धातुं प्रत्ययं च पृथक्कृत्य लिखत
विक्रेतुम, अनिर्वचनीयम, विचिन्त्य, गत्वा, निबध्य, निर्माय, अभिलक्ष्या
Answers
(क) विक्रतुम् → वि + क्री + तुमुन्
(ख) अनिर्वचनीयम् → अ + निर् + वच् + अनीयर्
(ग) विचिन्त्य → वि + चिन्त् + ल्यप्
(घ) गत्वा → गम् + क्त्वा
(ङ) निबध्य → नि + बध् + ल्यप्
(च) निर्माय → निर् + मा + ल्यप्
(छ) अभिलक्ष्य → अभि + लक्ष् + ल्यप्
अतिरिक्त जानकारी :
प्रस्तुत प्रश्न पाठ वस्त्रविक्रयः ( कपड़ा बेचना) से लिया गया है। इस पाठ का संकलन “भारतविजयनाटकम्" के पहले अंक से किया गया है। इसके लेखक महामहोपाध्याय पं. मथुराप्रसाद दीक्षित हैं।
प्रत्यय : जो शब्दांश मूल शब्द के अंत में लगाकर नए शब्द का निर्माण करता है उन्हें प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं :
1. कृदन्त प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
3. स्त्री प्रत्यय
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एतत्सूक्ष्मपटस्येति' श्लोकस्य स्वमातृभाषया अनुवादः कार्य:
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सप्रसङ्गं व्याख्यायन्ताम्
(क) यष्मत्कटम्बरक्षायै ....................... जानीहि व्रजाधुना।
(ख) अनिर्वचनीयमेतत्पटयोः सौन्दर्यम्। अतिसूक्ष्मतरोऽयं पटः। पश्य, एतस्य
पञ्चषैः पटलैः परिवेष्टितमप्यपटमेव प्रतीयतेऽङ्गम्।
(ग) न वयमयोग्यमूल्यत्वात् पटं निर्मामः।
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