बिगड़ी हुई बात लाख प्रयास करने पर भी नहीं बनती – किन पंक्तियों के संदर्भ में कही गई है ?
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दोहे के माध्यम से रहीम जी का कहना है कि जब कोई बात बिगड़ जाती है तो लाख उपाय करने के बाद भी वह उसी प्रकार नहीं बनती है जिस प्रकार फटे हुए दूध को लाख मथने के बाद भी उससे मक्खन नहीं बनाया जा सकता।
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