बेल्जियम और श्रीलंका को सत्ता में साझौदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें : (क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया। (ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली -भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया। (ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोज़गार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की। (घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया। ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं?(सा) क, ख, ग और घ (रे) क, ख और घ (गा) ग और घ (मा) ख, ग और घ
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उत्तर :
बेल्जियम और श्रीलंका को सत्ता में साझौदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों में निम्न बयान सही है।
(सा) क, ख, ग और घ
(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली -भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोज़गार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
हम, औसेफ के दृष्टिकोण से सहमत हैं, कि प्रत्येक समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो।
सत्ता की साझेदारी की प्रक्रिया का देश के आकार के साथ कोई लेना देना नहीं है। किसी भी देश में जहां पर धर्म , जाति इत्यादि के आधार पर बहुत से समूह रहते हो ,सत्ता के बँटवारे की प्रक्रिया का होना बहुत आवश्यक है । गहरे रूप से विभाजित समाजों में सत्ता की साझेदारी बहुत आवश्यक क्योंकि यह न केवल अलग अलग समूहों में सामाजिक आक्रोश कम करता है बल्कि यह राजनीतिक स्थिरता को भी बढ़ाता है। प्रत्येक जातीय तथा धार्मिक समूह के कुछ छुपे हुए हित होते हैं तथा उनकी आवाज़ को भागीदारी देने के लिए उसे प्रतिनिधित्व देना बहुत आवश्यक है। किसी भी कार्य प्रणाली में हर एक समूह को प्रतिनिधित्व देने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि अलग-अलग समूहों में विश्वास भी बढ़ाता है । राजनीतिक स्थिरता तथा शांति को बनाए रखने में देश के आकार का कोई महत्व नहीं है । यह दोनों ही सभी देशों में आवश्यक है।
सत्ता की साझेदारी में कई और कारण भी शामिल है जैसे की सांस्कृतिक , सामाजिक ,क्षेत्रीय, भाषायी अंतर तथा देश में बहुत से जातीय समूह का होना इत्यादि।