Hindi, asked by jzanieparzker6002, 10 months ago

बालिश्तिये ने जब यह देखा कि लकड़हारा आग सुलगाने के लिए भी और आलू ठंडा करने के लिए भी फेंक रहा था तो उसे बड़ी हैरानी हुई।
• क्या तुमने भी कभी सर्दी में अपने हाथों पर फैंक मारी है? कैसा लगता है?
• अपने हाथों को मुँह के पास लाकर जोर से दो-तीन बार फेंक मारो। मुँह से छोड़ी हुई फेंक की हवा
आस-पास की हवा के मुकाबले कैसी लगी?
• अगर हाथों को मुँह से थोड़ी दूरी पर रखो, तब भी क्या मुँह से निकली हुई हवा गर्म लगेगी? क्यों?

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Answered by vidhi4924
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Answered by shishir303
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बालिश्तिये ने जब यह देखा कि लकड़हारा आग सुलगाने के लिए भी और आलू ठंडा करने के लिए भी फेंक रहा था तो उसे बड़ी हैरानी हुई।

क्या तुमने भी कभी सर्दी में अपने हाथों पर फैंक मारी है? कैसा लगता है?

हाँ, हमने भी ऐसा किया है। कड़कदार जाड़ों में जब हमारे हाथ ठंड के कारण सुन्न हो जाते हैं और अकड़ जाते हैं तो हम अपने मुँह से हाथों पर फूंक मारते हैं, जिससे हमारे हाथों को गर्माहट मिलती है।

अपने हाथों को मुँह के पास लाकर जोर से दो-तीन बार फेंक मारो। मुँह से छोड़ी हुई फेंक की हवा  आस-पास की हवा के मुकाबले कैसी लगी?

▬ जब हमने अपने हाथों को मुंह के पास ले जाकर जोर से दो-तीन बार फूंक मारी तो हमें अपने मुँह से द्वारा छोड़ी गई हवा आसपास की हवा के मुकाबले गर्म लगी। यानि कि हमारे मुँह से फेंकी गई हवा में गर्माहट थी।

अगर हाथों को मुँह से थोड़ी दूरी पर रखो, तब भी क्या मुँह से निकली हुई हवा गर्म लगेगी? क्यों?

अब हमने अपने हाथों से मुँह से थोड़ा दूर ले जाकर मुंह से फूंक मारी तो मुझे निकाली गई हवा पहले की अपेक्षा थोड़ी कम गर्म थी। उसमें थोड़ा ठंडक महसूस हो रही थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुंह से निकल कर हवा ने थोड़ा दूरी तय की और इस अवधि में उसके पास आसपास की हवा मिली गई।

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“उसी से ठंडा, उसी से गर्म”

(पर्यावरण अध्ययन – आस-पास) — कक्षा - 5, पाठ - 15)    

इस पाठ से संबंधित अन्य प्रश्नों के लिये नीचे दिये गये लिंकों पर जायें....  

"• क्या तुमने कभी देखा है कि कोई चश्मा साफ़ करने के। लिए अपने मुँह से हवा निकाल रहा हो? मुँह से निकली हवा से चश्मा साफ़ करने में कैसे मदद मिलती होगी?  

• एक स्टील का गिलास लो। उसे मुँह के पास लाकर मुँह खोलकर जोर से साँस छोड़ो। इस तरह दो-तीन बार साँस छोड़कर देखो। क्या गिलास कुछ धुंधला-सा हो गया है?  

• क्या तुम इसी तरह शीशे को भी धुंधला बना सकते हो? शीशे को छूकर पता लगा सकते हो कि यह धुंधलापन किस वजह से है? छोड़ी हुई हवा सूखी है या गीली?  

• अपने हाथ को अपनी छाती पर रखो। अब साँस भरो। क्या हुआ? छाती अंदर गई या बाहर?  

• अपनी छाती का नाप लो - एक लंबी गहरी साँस भरो।  

- अपने साथी से कहो कि वह एक धागे से तुम्हारी छाती का नाप ले। नाप __________  

- अब साँस छोड़ो और फिर अपने साथी से तुम्हारी छाती नापने को कहो। नाप __________  

- क्या छाती के नाप में कुछ फ़र्क आया?  

हर मिनट में कितनी साँस ।  

- अपनी नाक के आगे अँगुली रखो। क्या तुम नाक से साँस छोड़ते समय हवा को महसूस कर सकते हो? - - अब गिनो कि एक मिनट में तुमने कितनी बार साँस ली और छोड़ी।  

- अब अपने स्थान पर तीस बार ऊँचा-ऊँचा कूदो। क्या साँस फूलने लगी?  

- अब फिर अपनी नाक के आगे अँगुली रखकर गिनो कि तुमने एक मिनट में कितनी बार साँस छोड़ी।  

- बैठे-बैठे और कूदने के बाद साँस गिनी तो कितना फ़र्क पाया?"

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• सोचो, क्या असल में बालिश्तिये होते हैं? इस कहानी के लेखक ने बालिश्तिये की बात क्यों की होगी?

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