बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?
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Explanation:
balgobin Bhagat ki dincharya logo ke Achar aaj ka Karan Banti Thi Kyunki vah apni Jivan Mein Kai bar niyamon ko Itni berukhi se le Jaate the ki log hairan the
vai Apne Niyam ka Palan Badi Dhyan Se Karte Thi
बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण इसलिये थी क्योंकि वह अपने बनाए कठोर नियमों का दृढ़ता से पालन किया करते थे। उनकी दिनचर्या एकदम नियम-अनुशासन से बंधी हुई। वह सुबह तड़के ही उठ जाते थे, तब तक सूर्योदय भी नहीं हुआ होता था। वह गांव से दो मील नदी पर स्नान करने के लिए जाते थे। जब वह स्नानादि करके जब वापस लौटते तो वह किसी पोखर के ऊंचे स्थान पर बैठकर खंजड़ी बचाते हुए गीत गाने लगते और अब वह अपने इस कार्य में ना सर्दी देखते ना ही गर्मी। इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। वह ना तो किसी की वस्तु को बिना पूछे छूते और ना ही पराई वस्तु का उपयोग करते। वह शौच आदि के लिए भी दूसरों के खेतों पर नहीं जाते। बालगोबिन का अपने नियमों के प्रति इतनी दृढ़ता और अनुशासन देखकर लोगों को अचरज होता था।
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