Hindi, asked by narebdrmodi3240, 10 months ago

कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।

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Answered by shishir303
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कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह मालूम पड़ता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। उदाहरण के लिए जब उनकी उनके पुत्र की मृत्यु हो गई तो उन्होंने अपने पुत्र के मृत का दाह संस्कार प्रचलित सामाजिक मान्यताओं के अनुसार नहीं किया। प्रचलित मान्यता के अनुसार व्यक्ति की चिता को पुरुष वर्ग द्वारा मुखाग्नि दी जाती है, परंतु उन्होंने अपनी पुत्रवधू द्वारा अपनी पुत्र के चिता को मुखाग्नि दिलवाई। इसके अलावा उस समय के समाज में विधवा विवाह का प्रचलन नहीं था। परंतु उन्होंने समाज के विपरीत जाकर अपने अपनी पुत्रवधू के पुनर्विवाह की व्यवस्था करवाई। इन सब प्रसंगों से प्रतीत होता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे।

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Answered by abhi230204
27

Answer:

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