ब्राह्मी लिपि के विकास पर समीक्षात्मक चर्चा कीजिए
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ब्राह्मी लिपि को वर्तमान समय में हमारे समक्ष प्रकट करने का श्रेय अंग्रेज अधिकारी जेम्स प्रिंसेप' ने (1837 ई.) को जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम 'साँची के स्तूप' पर अंकित ब्राह्मी अक्षरों में 'दानं ' शब्द को पढ़ा तथा इसी शब्द के आधार पर जेम्स प्रिंसेप ने ब्राह्मी लिपि की वर्णमाला तैयार की।
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