Hindi, asked by a11082007k, 1 month ago

बंद नहीं, अब भी चलते हैं नियति नटी के कार्य-कलाप । पर कितने एकांत भाव से कितने शांत और चुपचाप ।।भावार्थ लीखिये​

Answers

Answered by tanyachoudhary123
7

बंद नहीं, अब भी चलते हैं, नियति-नटी के कार्य-कलाप, पर कितने एकान्त भाव से, कितने शांत और चुपचाप!

भावार्थ— पंचवटी के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हुए लक्ष्मण अपने मन में सोचते हैं कि यहाँ कितनी स्वच्छ और चमकीली चाँदनी है और रात्रि भी बहुत शांत है। सुगंधित वायु मंद-मंद बह रही है।

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