बायोजियोकेमिकल चक्र क्या है? पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न प्रकार के जैव रासायनिक चक्र का वर्णन करें
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बायोजियोकेमिकल चक्र यानी जैव-भू-रसायन चक्र अजैविक तत्वों के जैविक व्यवस्था में परिवर्तन तथा इनकी अकार्बनिक या अजैविक रूप में परिवर्तन होने की प्रक्रिया को कहते हैं।
पौधों को अपने भोजन के लिए सौर ऊर्जा जल और कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है। पौधों को मिट्टी से भी अनेक तरह के खनिज तत्व प्राप्त होते हैं। पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते हैं इस तरह पौधों की वृद्धि होती है। यह प्रक्रिय एक पूरे चक्र द्वारा सम्पन्न होती है, जिसके अंतर्गत पौधे अपने भोजन का निर्माण करते हैं और अपनी वृद्धि करते हैं। इस चक्र को जैव-भू-रसायन चक्र यानि बायोजियोकेमिकल चक्र कहा जाता है। जैव-भू-रसायन चक्र में तीन तरह के तत्व होते हैं, वृहद तत्व, गौण तत्व और सूक्ष्म पोषक तत्व।
वृहद तत्वों में ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन आदि तत्व होते हैं। इनकी सहायता से जीवों में कोशिकाओं का निर्माण होता है। गौण तत्वों में फास्फोरस, गंधक, कैल्शियम और नाइट्रोजन आदि तत्व होते हैं। इनकी सहायता से कोशिका द्रव का निर्माण होता है। पोषक तत्वों में जिंक, कॉपर, क्लोरीन मैग्नीज आदि तत्व होते हैं इनकी अधिकतर कम आवश्यकता पड़ती है।
जैव-भू-रसायन के चार चक्र होते हैं जो इस प्रकार हैं..
- जलीय चक्र
- ऑक्सीजन चक्र
- कार्बन डाइ ऑक्साइड चक्र
- नाइट्रोजन चक्र
जलीय चक्र — पृथ्वी पर प्रत्येक के लिए जल एक आवश्यक तक है। इसके बिना जीवन संभव नहीं। हर जीव का लगभग 80 से 90% भाग जल से बना हुआ होता है। जल एक चक्र द्वारा एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता रहता है, जो जलीय चक्र कहलाता है। जैसे सूरज के प्रकाश की गर्मी से समुद्री जल और पृथ्वी पर अन्य स्थानों में तथा वनस्पतियों आदि में संचित जल वाष्प बनकर बादल का रूप ले लेता है, इन बादलों से वर्षा होती है। यही वर्षा जल वापस धरती पर जल के स्रोत के रूप में प्राणियों के काम आता है। इसी प्रक्रिया में जल पुनः वाष्प में बदल कर वापस वर्षा के लिए तैयार हो जाता है, इस तरह ये चक्र चलता रहता है।
ऑक्सीजन चक्र — ऑक्सीजन जीवनदायिनी गैस है। संसार में कोई भी जीव बिना ऑक्सीजन के जीवित नहीं रह सकता। वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग 21% है। ऑक्सीजन पौधों द्वारा उत्पन्न होती है और वायुमंडल में इसका संग्रह होता रहता है। ऑक्सीजन का चक्र पूरा होता है।
नाइट्रोजन चक्र — नाइट्रोजन भी सभी प्राणियों के लिए एक आवश्यक तत्व है। यह तत्व जीवो के विकास और वृद्धि के लिए बेहद जरूरी है। नाइट्रोजन की मात्रा वायुमंडल में लगभग 78% है प्रत्येक जीव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नाइट्रोजन को ग्रहण करता है नाइट्रोजन को सीधे गैस के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है बल्कि अन्य तत्वों की सहायता से अप्रत्यक्ष रूप से ग्रहण करते हैं।
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