Bacho ki shiksha mein mata pita ki bhumika essay in hindi Ask for details Follow Report by
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हर शिशु के जीवन में उसकी पहली गुरु माता ही होती है हम अपने जीवन के सभी नैतिक मूल्य सबसे पहले अपने माता पिता से ही सीखते हैं हम माता पिता हमें विद्यालय विद्यालय भेजकर सबसे अच्छी से अच्छी शिक्षा ग्रहण करते हैं हमारे जीवन में शिक्षा का मूल हमारी माता पिता ही है वह कोई कसर नहीं छोड़ते हमें एक अच्छा जीवन प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं कि हमें अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त हो विद्यालय में हमें शिक्षक ग्रह कार्य देते हैं पढ़ाते हैं और हमारी पुस्तको मे दी हुइ सभी चीजों से अवगत कराते हैं परंतु घर जाने पर उस शिक्षा का सही मायने में उपयोग करना उच्च शिक्षा का उपयोग अपनी दिनचर्या में करना हम अपने माता पिता से सीखते हैं नियमितता समय का पालन करना नियमों का पालन करना देशप्रेमी होना अपने देश का अच्छा नागरिक बनना संस्कारी होना दूसरों की मदद करना यह गुण यह शिक्षा हमें केवल माता पिता ही देते हैं इसलिए माता पिता की भूमिका बच्चों के शिक्षण में सबसे अधिक और अहम होती है
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माता-पिता ईश्वर के दूत है जो परछाई के तरह जन्म से हमारे साथ रहते हैं। हम टूटते हैं तो वह हमें जोड़ने में जुट जाते हैं। हम हंसते हैं तो वह हमारे हंसी को बटोरने लगते हैं। हमारी हर समस्या का समाधान माता-पिता स्वयं निकाल लेते हैं।
हमारी शिक्षा- दिक्षा का श्रेय अवश्य ही हमारे माता-पिता को जाता है क्योंकि उनके वजह से ही हमें स्कूल जाने का अवसर प्राप्त होता है। यदि हम आज ज्ञान अर्जित कर पा रहे हैं तो इसका श्रेय भी उनको जाता है।
माता-पिता के मर्जी के बिना कोई भी बच्चा कुछ नहीं कर पाता है जीवन है। यदि वह साथ है तो समस्त दुनिया हमारी ही हो जाएगी।