Badal ka bare me dus vakya in hindi
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बादल सूक्ष्म पानी की बूंदों और बर्फ के महीन क्रिस्टलों का संग्रह है जो हवा में तैरता है। ये लाखों कणों से बने होते हैं ये लाखों छोटे कण वे जल की बूँदें है जो महासागरों, झीलों, नदियों आदि के पानी के भाप बनने से बनी हैं। बादल आने वाले मौसम के बारे में सबसे सटीक भविष्यवाणी करने में सहायता करते हैं। तूफानों के पहले कुछ विशेष प्रकार के तूफ़ान दिखाई देते हैं जिसकी सहायता से आसानी से तूफ़ान का अनुमान लगाया जा सकता है। तूफान के बादल अक्सर भूरे रंग के होते हैं क्योंकि वे इतने घने होते हैं कि ज्यादातर सूर्य का प्रकाश उनके पार नहीं जा पाता हैं। बादल पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं। बादल विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं जैसे लाल, भूरे, सफ़ेद आदि। बादलों के रंग कई बार सूर्य की रौशनी से भी प्रभावित होते हैं। पर सूर्या की सीढ़ी रौशनी पड़ती है तो सफ़ेद बादल होते हैं वहीँ सुबह और शाम के वक़्त लाल बादल अधिक दिखाई देते हैं। ये वर्षा कराने में सहायक होते हैं। यह पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते हैं और वर्षा करते हैं। बादल का एक और रूप है और वह है कुहरा। सर्दियों में कुहरा देखने को मिलता है। यह भी पानी और हिमकणों की छोटी-छोटी बूंदों से मिलकर बना होता है। कुहरे से सर्दियों में दृश्यता काम हो जाती है। भाषा के विकास में भी बादलों का अपना महत्त्व है। इनको लेकर बहुत सी कहावतें बनायीं गई हैं जैसे "जो गरजते वो बरसते नहीं",बिन बादल बरसात" आदि। बादल आकार में बहुत विशाल होते हैं। छोटे से छोटा दिखने वाला बादल कई पहाड़ों से विशाल और 500 टन वजनी हो सकता है।
Explanation:
"आकाश पर कुछ-कुछ बादल थे।"
- बादल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी इस्तीफा इस प्रकार किया है.
"बातों में देंर हो रही है ओर बादल घिरे आते हैं।"
- बादल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी स्वामिनी इस प्रकार किया है.
"आज कई दिन के बाद बादल हटे थे।"
- बादल शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी दुर्गा का मन्दिर इस प्रकार किया है.बादल अंकल, बादल अंकल।"
"बादल अंकल, बादल अंकल।" बादल" शब्द का उपयोग अनुज नरवाल रोहत ने अपनी कविता बाल कविताएं. में इस प्रकार किया है.
"बादल में।"
"बादल में।" बादल" शब्द का उपयोग सीमा सचदेव ने अपनी कविता मेरी आवाज. में इस प्रकार किया है.
"खुशी से भरे बादल।"
"खुशी से भरे बादल।" बादल" शब्द का उपयोग सीमा सचदेव ने अपनी कविता मेरी आवाज. में इस प्रकार किया है.