Basant Ritu nibandh Hindi
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बसंत ऋतु बहुत ही सुहावनी ऋतु है जो फ़रवरी और मार्च से शुरू होती है। वसंत ऋतु साल का सबसे पसंदीदा मौसम है और सभी के द्वारा अन्य मौसमों से अधिक पसंद किया जाता है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षकों के द्वारा वसंत ऋतु पर कुछ पैराग्राफ या पूरा निबंध लिखने के लिए दिया जा सकता है। इसलिए, हम विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से वसंत ऋतु पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं, जो विभिन्न शब्द सीमाओं में लिखे गए हैं। इनमें से आप कोई भी वसंत ऋतु पर निबंध अपनी जरूरत और आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हो।
वसन्त ऋतु का हम सभी को आनंद देने वाला होता है। भारत में वसन्त ऋतु मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह सर्दियों के तीन महीनों के लम्बे समय के बाद आती है, जिसमें लोगों को सर्दी और ठंड से राहत मिलती है। वसन्त ऋतु में तापमान में नमी आ जाती है और सभी जगह हरे-भरे पेड़ों और फूलों के कारण चारों तरफ हरियाली और रंगीन दिखाई देता है। वसंत ऋतु के आगमन पर सब लोग वसंत पंचमी का त्यौहार मना खुशियाँ मनाते हैं। वसंत के आने पर सर्दियों का अंत होता है और सब जगह खुशहाली छा जाती है।
एक लम्बे इंतजार के बाद वह समय आता है, जब हम हल्के कपड़े पहनना शुरु करते हैं और प्रायः कभी भी घर से बाहर जा सकते हैं। छोटे बच्चे पतंग उड़ाते हैं। इस मौसम की शुरुआत में होली का त्योहार आता है, जब सभी रंगों और पानी के साथ होली खेलने के द्वारा इस मौसम का आनंद लेते हैं।
भारत को अनेक ऋतुओं का देश माना जाता है। भारत में सर्दी-गर्मी, बरसात-पतझड़, वसंत-ग्रीष्म आदि छ: ऋतुएँ आती जाती रहती हैं। साल में आने वाली बसंत ऋतु सबकी प्रिय होती है। बसंत ऋतु के आने पर पूरा प्राणी जगत हर्ष और उल्लास से झूम उठता है। बसंत ऋतुओं का राजा होती है इसी वजह से इसे ऋतुराज बसंत के नाम से जाना जाता है।
बसंत के समय में ऋतु बहुत सुहावनी होती है। सर्दी खत्म और गर्मी शुरू होने वाली होती हैं। इस समय में न ही तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी होती है। प्रत्येक व्यक्ति बाहर घूमने का इच्छुक होता है। यह इस मीठी ऋतु की विशेषता होती है। सब जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में नव जीवन का संचार हो जाता है।
वृक्षों के नए-नए पत्ते लद जाते हैं। फूलों का सौंदर्य और हरियाली की छटा मन को भा जाती है। इस सुगंधित वातावरण में सैर करने से बहुत सी बीमारियाँ दूर हो जाती है। ठंडी-ठंडी हवा चलती रहती है जिससे मनुष्य की उम्र और बल में वृद्धि होती है। बसंत ऋतु पतझड़ और शिशिर के बाद आती है।
बसंत के आगमन पर नई फसलें पकने लगती हैं। सरसों के पीले-पीले फूल खिल-खिला कर खुशी व्यक्त करते हैं। सिट्टे भी ऐसे लगते हैं जैसे सिर उठाकर ऋतुराज का स्वागत कर रहे हों।
सरोवरों में कमल के फूल खिल कर इस तरह पानी को छिपा लेते हैं जैसे मनुष्यों को संकेत देते हैं कि अपने मन को खोल कर हंसों और सारे दुखों को मन में समेट लो। आसमान में पक्षी किलकारियां मारकर बसंत का स्वागत करते हैं।
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन सरस्वती पूजन किया जाता है। इसी दिन वीर हकीकत राय की भी मृत्यु हुई थी। वीर हकीकत राय के कारण इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
वीर हकीकत राय जी का बलिदान हमें अपने धर्म पर अडिग रहने का संदेश देता है। हमें सभी धर्मों से प्रेरणा लेनी चाहिए और किसी भी धर्म के प्रति नफरत नहीं रखनी चाहिए। वीर हकीकत राय जी की याद में हर साल मेला लगता है। इस दिन वीर हकीकत राय जी को श्रद्धांजली दी जाती है।
हमें इस ऋतु में अपना स्वास्थ्य बनाना चाहिए। सुबह-सुबह उठकर घूमने जाना चाहिए और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेना चाहिए। वसंत ऋतु ईश्वर का एक वरदान है और हमे इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए।