बढती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पडा? क्या बढती हुई आबादी से प्रकृति असंतुलित होती है? ‘अब कहाँ दूसरे के दु:ख से दुखी होने वाले’ पाठ के आधार पर लिखिए|
अथवा
‘झेन की देन’ पाठ के आधार पर बताइए कि जापानी लोगों की मानसिक बीमारियाँ अधिक क्यों होती हैं?
Answers
बढती हुई आबादी का पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पडा| ‘बढते लोग और घटते संसाधन’ की प्रवृति के कारण प्रकृति पर बुरा प्रभाव पडा| आबादी बढने के कारण प्रकृति असंतुलित हो गई| अधिक आवास बनाने के लिए मानव ने जंगलों को काट दिया, पर्वतों समुद्रों की जगह को छीन लिया, पशु पक्षियों के बसेरे उजड गए| जिस स्थान पर घने जंगल होते थे अब उन जगहोंपर बडी बडी इमारतें बन गई| धीरे धीरे पृथ्वी का तापमान बढने लगा| भूकंप, बाढ, समुद्री तुफान, जलजले, नित नए नए रोग और प्रदूषण बढने लगा| बढते लोगों के कारण प्रकृति असंतुलित हो गई| जिसका प्रकृति पर बुरा असर पडा|
अथवा
‘झेन की देन’ पाठ में बताया है कि जापानी लोगों में तनाव और आगे बढने की तेज रफ्तार के कारण ये लोग मानसिक बीमारियों से ग्रासित हैं जिसके कुछ कारण निम्नसे है...
१) अमरिका के साथ प्रतिस्पर्धा|
२) एक महिने का काम एक दिन में निपटाने का प्रयास|
३) पहले से तेज चल रहे दिमाग को स्पीड का इंजन लगाकर दौडाने की कोशिश करना|
४) अन्य देशों से आगे बढने की होड|