beti maa ki sabse achi Saheli hai kaise I need somewhat big answer please
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बेटी की प्रेरणा, उसकी मां होती है | मां का सानिध्य जहां बेटी को प्यार और सही मार्ग दर्शन देता है, वहीं माँ ही बेटी की सच्ची व प्यारी सहेली होती है |
कहा जाता है, कि बेटियां हमेशा ही बाप की मुहलगी होती हैं | यह बिल्कुल सही है, शायद इसके पीछे फ्राइड का विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण का सिद्धांत हो | पर यह भी उतना ही सच है, कि बेटियां बाप के चाहे कितनी भी करीब क्यों ना हो, लेकिन जब उन्हें मन की उथल पुथल परेशान करती है तो वह अपनी बातें मां से ही शेयर करतीं हैं |
सही मायने में यह कहा जाए, कि जब बेटी का कद मां के कंधों तक या उससे ऊपर पहुंच जाता है, तो मां उसकी सहेली बन जाती है | एक ऐसी सहेली जो हमेशा सही मार्गदर्शन देती है | हो सकता है कि कभी-कभी मां के व्यवहार में सक्ती हो, पर इतना तो तय है कि उसकी बातें कभी हार्मफुल नहीं होंगी | जिन घरों में मां बेटियों से मित्रवत व्यवहार नहीं करती, उन बेटियों को अपनी बातें शेयर करने और समस्याएं सुलझाने के लिए बाहरी मित्रों की आवश्यकता होती है |
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Answer:
माँ और बेटी का रिश्ता इस दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता और दोस्ती का रिश्ता होता है |
मां बेटी की रोल मॉडल होती है | बचपन से ही माँ और बेटी के रिश्ते की शुरु वात हो जाती है | माँ बचपन से ही बेटी को सब कुछ सिखाती है | बेटी भी माँ को सबसे पहला अपना दोस्त मानती है , कोई भी मुसीबत होती है सबसे पहले अपनी माँ को बताती है | दोस्ती में बदलता मां-बेटी का रिश्ता | मां-बेटी, एक ऐसा रिश्ता, जहां भावनाओं का समंदर बहता रहता है. वह एक-दूसरे से हर बात शेयर करती हैं, अपनी सोच व अपने विचारों को बांटती रहती हैं| मां अपनी बेटी को अपनी उम्मीदों व आशाओं की कड़ी के रूप में देखती है|
समाज में मां-बेटी के रिश्ते में भी कई बदलाव आए हैं और निरंतर आ भी रहे हैं, मां बेटी की ज़िंदगी संवारने वाली नींव होती है | वह उसका क़दम-क़दम पर मार्गदर्शन करती है और उस पर आवश्यकतानुसार गलत काम करने से रोकती भी है| बेटी के सपनों को ऊंची उड़ान देती है , यही एकमात्र ऐसा रिश्ता है, जहां तमाम मतभेदों के बावजूद दोनों एक-दूसरे की ध्यान करती हैं. वे एक-दूसरे का दर्द समझती हैं, इसलिए मां होने की तमाम ज़िम्मेदारियों को निभाने के साथ मां का बेटी का दोस्त बन उसे गाइड करना ज़्यादा बेहतर तरीका है | जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने का पाठ पढ़ती है | दोस्त बनने के लिए मां को अधिकार जताने के बजाय बेटी का विश्वास जीतना होगा | उसके दिल को जीतना होगा, ताकि वह बिना हिचके हर बात मां के साथ शेयर कर सके |