'भोजन का प्रभाव' - टिप्पणी लिखो।।
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l don't know the answer
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Food effect/भजन- अति अहार यंद्री बल करें,..
महायोगी संत श्रीगोरखनाथ जी महाराज कहते है कि '"जो बहुत अधिक भोजन करता है , उसकी इन्द्रियाँ उत्तेजित होती हैं; उसका ज्ञान ( विवेक ) नष्ट हो जाता है ; उसका ख्याल मैथुन ( स्त्री - प्रसंग ) की ओर जाता है ; उसे निद्रा सताती है ; उसपर काल ( रोग ) चढ़ बैठता है और उसके हृदय में सदा जंजाल ( अशान्ति , विक्षोभ ) बना रहता है । ....." इस संबंध में विशेष जानकारी के लिए इस पद्य का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
गुरु गोरखनाथजी महाराज की वाणी
॥ मूल पद्य ॥
अति अहार यंद्री बल करें । नासैं ग्यांन मैथुन चित धरै ॥
व्यापै न्यद्रा झंपै काल । ताके हिरदै सदा जंजाल ॥
पद्यार्थ - जो बहुत अधिक भोजन करता है , उसकी इन्द्रियाँ उत्तेजित होती हैं ; उसका ज्ञान ( विवेक ) नष्ट हो जाता है ; उसका ख्याल मैथुन ( स्त्री - प्रसंग ) की ओर जाता है ; उसे निद्रा सताती है ; उसपर काल ( रोग ) चढ़ बैठता है और उसके हृदय में सदा जंजाल ( अशान्ति , विक्षोभ ) बना रहता है । इति।
बिशेष - सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के प्रवचन में भोजन के संबंध में जानकारी के लिए ये वीडियो देख और निम्नलिखित प्रवचन पढ़ सकते हैं।
S48, खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है। --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
S03, (ख) संतमत सत्संग में ध्यान योग और खानपान -सद्गुरु महर्षि मेंही
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