भ्रष्टाचार पर एक कविता साझा करें।
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भ्रष्टाचार पर शायरी -
माता पिता ने पढ़ा लिखाकर , तुमको अफसर बना दिया..
आज देखकर लगता है की , सबसे बड़ा एक गुनाह किया..
रिश्वत लेने से अच्छा था , भिक्षा लेकर जी लेते..
मुह खोलकर मांगे पैसे , बेहतर होंठ तुम सी लेते..!!
लाखों का धन है तो भी , क्यों आज भिखारी बन बैठे..
काले धन की पूजा करके , जाने केसे तन बैठे..
भूल गए , बचपन में तुम भी, खिलौना देख रो देते थे..
आज कैसे , उन नन्हे हाथों से , खेलने का हक़ ले बैठे..!!
please mark brainlist
माता पिता ने पढ़ा लिखाकर , तुमको अफसर बना दिया..
आज देखकर लगता है की , सबसे बड़ा एक गुनाह किया..
रिश्वत लेने से अच्छा था , भिक्षा लेकर जी लेते..
मुह खोलकर मांगे पैसे , बेहतर होंठ तुम सी लेते..!!
लाखों का धन है तो भी , क्यों आज भिखारी बन बैठे..
काले धन की पूजा करके , जाने केसे तन बैठे..
भूल गए , बचपन में तुम भी, खिलौना देख रो देते थे..
आज कैसे , उन नन्हे हाथों से , खेलने का हक़ ले बैठे..!!
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golu795:
सुन्दर।
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