भ्रष्टाचार पर लेख 300शब्दों में
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सार्वजनिक जीवन में स्वीकृत मूल्यों के विरुद्ध आचरण को भ्रष्ट आचरण समझा जाता है (भ्रष्टाचार = भ्रष्ट + आचार)। आम जन जीवन में इसे आर्थिक अपराधों से जोड़ा जाता है।
भ्रष्टाचार के विभिन्न क्षेत्र संपादित करें
सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र में
राजनैतिक भ्रष्टाचार
पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार
न्यायिक भ्रष्टाचार
शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार
श्रमिक संघों का भ्रष्टाचार
धर्म में भ्रष्टाचार
दर्शन में भ्रष्टाचार
उद्योग जगत का भ्रष्टाचार (Corporate corruption)
भ्रष्टाचार की विधियाँ संपादित करें
घूस (रिश्वत)
चुनाव में धांधली
सेक्स के बदले पक्षपात
हफ्ता वसूली
जबरन चन्दा लेना
बलात धन ऐंठना (Extortion) एवं भयादोहन (blackmail)
विवेकाधिकार (discretion) का दुरुपयोग
भाई-भतीजावाद (Nepotism)
अपने विरोधियों को दबाने के लिये सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग
भ्रष्ट विधान बनाना
न्यायाधीशों द्वारा गलत या पक्षपातपूर्ण निर्णय
कालाबाजारी करना
व्यापारिक नेटवर्क
चार्टर्ड एकाउन्टेन्टों द्वारा किसी बिजनेस के वित्तीय कथनों पर सही और निर्भीक राय न लिखना या उनके गलत आर्थिक कार्यों को ढकना।[1]
विविध : वंशवाद, ब्लैकमेल करना, टैक्स चोरी, झूठी गवाही, झूठा मुकदमा, परीक्षा में नकल, परीक्षाथी का गलत मूल्यांकन - सही उत्तर पर अंक न देना और गलत/अलिखित उत्तरों पर भी अंक दे देना, पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछना, पैसे लेकर वोट देना, वोट के लिये पैसा और शराब आदि बाँटना, पैसे लेकर रिपोर्ट छापना, विभिन्न पुरस्कारों के लिये चयनित लोगों में पक्षपात करना, आदि।
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