भारत- अमेरिका समझौते से संबंधित बहस के 3 इस अध्याय में दिए गए हैं I उन्हें पढ़ें और किसी एक अंक को आधार मानकर पूरा भाषण तैयार करें जिसमें भारत- अमेरिकी संबंध बारे किस एक रुख का समर्थन किया गया हो I
Answers
"अमेरिका के विश्वव्यापी वर्चस्व का दौर चल रहा है और ऐसे में अन्य देशों की तरह भारत को भी फैसला करना है कि यह अमेरिका के साथ किस तरह के संबंध रखना चाहता है । यह फैसला करना जरा भी आसान कार्य नहीं है ।
भारत के अमेरिका से संबंध पर तीन संभावनायें बनती हैं जिन पर विद्वानों में बहस भी चलती रहती है ।
(1) कुछ विद्वानों का मानना है कि भारत को अमेरिका से अलग रहना चाहिए और अपना ध्यान अपनी ताकत को बढ़ाने में लगाना चाहिए।
(2) कुछ विद्वानों का मानना है कि भारत और अमेरिका के संबंधों का एक ऐतिहासिक दौर चल रहा है और भारत को अमेरिका से बेहतर संबंध बनाकर इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए तथा अमेरिका के वर्चस्व का पूरा लाभ उठाकरअपने हितों को साधना चाहिये ।
(3) कुछ विद्वानों का मानना है कि भारत को अपनी अगुवाई में विकासशील देशों का एक मजबूत संगठन बनाना चाहिए, जोकि कुछ वर्षों में इतना सक्षम हो सकता है कि अमेरिका का मुकाबला कर सके ।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि भारत के अमेरिका के साथ संबंध के विषय में कोई एक स्पष्ट रणनीति नहीं मालुम पड़ती है, इसका फैसला बहुत सोच-समझ कर ही लिया जा सकता है । भारत को नहीं अमेरिका के एकदम प्रभाव में नही आना चाहिए और ना ही अमेरिका से एकदम दूरी बनानी चाहिए बल्कि मिश्रित संबंध बनाकर एक संतुलन कायम रखना चाहिए ।"