भारत के आर्थिक एवं सामाजिक आधार संरचना का वर्णन कीजिए।
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भारत की आर्थिक एवं सामाजिक संरचना —
भारत की आर्थिक एवं सामाजिक आधार संरचना दोनों में तेजी से प्रगति होती जा रही है। जहाँ भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर बढ़ रही है, वहीं भारतीय सामाजिक संरचना का भी विकास होता जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में निरंतर प्रगति होती जा रही है। बैंकिंग सेवा तथा बीमा सेवाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। भारत के विद्युत उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। सड़क मार्ग जो आजादी के समय चार लाख किलोमीटर था वह बढ़कर पचास लाख किलोमीटर तक पहुंच गया है और उसमें निरंतर विस्तार हो रहा है। रेल मार्ग में निरंतर विस्तार हो रहा है और नई-नई रेल पटरी बिछाई जा रही हैं, हर जगह रेलमार्ग का दोहरीकरण और विद्युतीकरण गया है। मीटर गेज की जगह पटरियां ज्यादातर जगह पर ब्रॉड गेज में बदल चुकी हैं। भारत की साक्षरता दर जो आजादी के समय 18% थी वो अब बढ़कर 74% हो चुकी है। जीवन प्रत्याशा आजादी के बाद 32 वर्ष थी, वह अब 68 वर्ष हो गई है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। भारत में निवेश की संभावनाएं बढ़ती ही जा रही हैं और भारतवंशी अपनी प्रतिभा से पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा रहे हैं। यह सब भारत की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति का ही संकेत है।