History, asked by shishpaldagar4244, 1 year ago

भारत के बदलते गांव पर आर्टिकल

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Answered by vishalsingh52
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भारत एक कृषि प्रधान देश है । प्राचीन काल से ही हमारे देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि ही रहा है । कृषि पर हमारी निर्भरता के साथ ही यह भी तथ्य हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि देश की सत्तर-प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या गाँवों में ही निवास करती है । किसी कवि ने सत्य ही लिखा है – ” है अपना हिंदुस्तान कहाँ, यह बसा हमारे गाँवों में । ”

अत: भारतवर्ष के महत्व का वास्तविक मूल्यांकन यहाँ के गाँवों से ही संभव है । उन्हें किसी भी दृष्टिकोण से पृथक् नहीं किया जा सकता है । प्राचीन काल में ‘सोने की चिड़िया’ कहलाने वाला हमारा देश धन-धान्य से परिपूर्ण था परंतु विदेशियों के निरंतर आक्रमण तथा इसके पश्चात् अंग्रेजों का आधिपत्य होने के उपरांत भारतीय गाँवों की दशा अत्यंत दयनीय व सभी के लिए चिंता का विषय बन गई ।

भारतीय गाँव समय के साथ बेरोजगारी, अज्ञानता तथा पिछड़ेपन का पर्याय बनकर रह गए ।भारतीय गाँवों की दयनीय व जर्जर अवस्था के अनेक कारण हैं । इतिहास की ओर यदि हम दृष्टि डालें तो हम देखते हैं कि मुगलों के आक्रमण के पश्चात् जब देश में अंग्रेजों का आधिपत्य हुआ, तब गाँवों की दशा अत्यंत चिंतनीय थी ।

इसका प्रमुख कारण था कि अंग्रेजों ने कभी भी भारत को आत्मसात् नहीं किया । उनका दृष्टिकोण सदैव भारत के प्रति व्यावसायिक ही रहा जिसके फलस्वरूप यहाँ के कुटीर उद्‌योग तथा कृषि व्यवस्था का ह्रास होता रहा । अंग्रेजों के साथ-साथ जमींदारों व सेठ-साहूकारों के निरंतर शोषण ने भी ग्रामीणों को उबरने का कभी अवसर प्रदान नहीं किया ।

देश के गाँवों में रहने वाले अधिकांश लोग आज भी रूढ़िवादिता तथा अंधविश्वासों से ग्रसित हैं । पुरानी परंपराओं तथा सामाजिक बंधनों ने उन्हें इस प्रकार जकड़ रखा है कि वे स्वतंत्रता प्राप्ति के पाँच दशकों के बाद भी विकास की प्रमुख धारा से स्वयं को पृथक् किए हुए हैं ।

जातिवाद, भाषावाद जैसी विषमताएँ आज भी उतनी ही प्रबल हैं जितनी वह पहले हुआ करती थीं । झूठी शान-शौकत अथवा सामाजिक प्रतिष्ठा हेतु कुछ लोग सामर्थ्य से अधिक कर्ज ले लेते हैं जिसे वे जीवन पर्यंत चुकाने में असमर्थ रहते हैं ।

गरीबी और अशिक्षा के कारण लोग निरंतर बच्चे पैदा करते रहते हैं जो उनके जीवन स्तर को तो नीचे की ओर खींचता ही है साथ ही साथ समुचित भरण-पोषण व शिक्षा के अभाव में बच्चों के भविष्य को भी अंधकारमय बना देता है ।


shishpaldagar4244: Thanks
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