Social Sciences, asked by avitiwari1332, 1 year ago

भारतीय कृषि को ऋतुओं के आधार पर कितने रूपों में विभाजित किया गया है?

Answers

Answered by bhatiamona
11

Answer:

भारतीय कृषि को ऋतु के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है...

  • रबी की फसलें
  • खरीफ की फसलें
  • जायद की फसलें

रबी की फसलें —  रबी की फसलें और अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है तथा मार्च-अप्रैल में काटी जाती है। इन फसलों को शीतोष्ण तथा उपोषण कटिबंधीय फसलें कहते हैं। इस तरह की फसलों में गेहूं, जौ, चना, तिलहन, सरसों, जीरा, धनिया, अफीम आदि की फसलें प्रमुख हैं। इस तरह की फसलों के लिए सिंचाई का पर्याप्त प्रबंध आवश्यक है।

खरीफ फसलें — खरीफ की फसलें जून से जुलाई के बीच बोई जाती है तथा अक्टूबर-नवंबर में काटी जाती है। इस तरह की फसलों को उष्ण-कटिबंधीय फसलें कहते हैं। जैसे चावल, कपास, मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, बाजरा, अरहर, सोयाबीन आदि। यह फसलें मानसून पर निर्भर होती है, क्योंकि यह मानसून के आसपास बोईं जाती है।

जायद फसलें —  यह अल्पकालिक फसलें होती हैं और जल्द तैयार हो जाती हैं। रबी की फसलों की कटाई के बाद और खरीफ की फसलों के बीच में जो समय होता है, उस समय में यह फसलें बोई जाती हैं। इन फसलों में मुख्य रूप से हरी सब्जियां और चारा फसलें होती है। इनको फरवरी-अप्रैल जाता है और जून-जुलाई में काट लिया जाता है। इस तरह की फसलों में तरबूज, खरबूज, ककड़ी, लौकी, खीरा आदि फसलें आती हैं।

Answered by Anonymous
2

Explanation:

Answer: भारतीय कृषि को ऋतु के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है... रबी की फसलें — रबी की फसलें और अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है तथा मार्च-अप्रैल में काटी जाती है। इन फसलों को शीतोष्ण तथा उपोषण कटिबंधीय फसलें कहते हैं।

Similar questions