Hindi, asked by geminperme2007, 28 days ago

भाषा द्वारा भावामभव्यजक्त करनेिेंसिथण ोते ै–

A-च च ातेपक्षी B-वाणी का वरदान िनुष्य को प्राप्त ै

C-कल-कल करता पानी D-ववमभन्न प्रकार के पशु​

Answers

Answered by aviralkachhal007
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\huge\star\underline{\mathtt\red{A}\mathtt\green{N}\mathtt\blue{S}\mathtt\purple{W}\mathtt\orange{E}\mathtt\pink{R}}\star\:

वाणी का वरदान प्राप्त मनुष्य

Answered by IxIitzurshizukaIxI
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Answer:

A - च च ातेपक्षी B-वाणी का वरदान िनुष्य को प्राप्त ै

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विचार-विनियम के लिए केवल मनुष्य को ही वाणी का वरदान प्राप्त है। पशु-पक्षी अपने भाव और विचार शारीरिक मुद्राओं और संकेतों द्वारा प्रकट करते हैं। वाणी के अनेक रुप हैं जो भाषा और बोली कहलाते हैं। प्रायः सभी स्वतन्त्र देशों की अपनी-अपनी भाषाएँ हैं। उनके साथ स्थानीय बोलियाँ भी है जो भाषा का ही प्रादेशिक रूप है। सबसे अधिक सुगम, सरल और स्वभाविक भाषा मातृभाषा कहलाती है। यह बालक को जन्मजात संस्कार से मिलती है अन्य भाषाएँ अर्जित भाषाएँ होती हैं जो अभ्यास द्वारा सीखी जाती हैं। अपने घर परिवार, वर्ग, जाति और देश के मध्य विचार-विनियम के लिए सबसे सरल मातृभाषा ही है। अपनी मातृभाषा द्वारा जितनी सहजता से भाव व्यक्त किया जा सकता है वैसा सहज-सामर्थ्य किसी अन्य अर्जित भाषा में नहीं होता। राष्ट्र की एकता और पारस्परिक विचार-विनियम की सुविधा के लिए राष्ट्रभाषा की आवश्यकता में किसी को भी संदेह नहीं हो सकता। सभी राष्ट्र अपनी राष्ट्रभाषा को सम्मान देते और व्यवहार में लाते हैं। स्वतन्त्र भारत में भी हमें अपने राष्ट्र की भाषाओं को अपनाना चाहिए। राष्ट्रीय गौरव और स्वाभिमान के लिए यह आवश्यक हैं।

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