Hindi, asked by yugantthakur2010, 3 months ago

बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी धरती पाऊँ
उस धरती में बाग-बगीचा, जो हो सके लगाऊँ।
खिलें फूल-फल, चिड़ियाँ बोलें, प्यारी खुशबू डोले
ताजी हवा जलाशय में अपना हर अंग भिगो ले। हो सकता है पास तुम्हारे, अपनी कुछ धरती हो
फूल-फल लदे अपने उपवन हों, अपनी परती हो।
हो सकता है छोटी-सी क्यारी हो, महक रही हो
छोटी-सी खेती हो जो फसलों से दहक रही हो। हो सकता है कहीं शांत चौपाए घूम रहे हों
हो सकता है कहीं सहन में पक्षी झूम रहे हों।
तो विनती है यही, कभी मत उस दुनिया को खोना
पेड़ों को मत कटने देना, मत चिड़ियों को रोना

एक-एक पत्ती पर हम सबके सपने सोते हैं
शाखें कटने पर वे भोले, शिशुओं-सा रोते हैं।
पेड़ों के संग बढ़ना सीखो, पेड़ों के संग खिलना
पेड़ों के संग-संग इतराना, पेड़ों के संग हिलना।
बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी धरती पाऊँ
उस धरती में बाग-बगीचा, जो हो सके लगाऊँ।
खिलें फूल-फल, चिड़ियाँ बोलें, प्यारी खुशबू डोले
ताजी हवा जलाशय में अपना हर अंग भिगो ले।
बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं
नहीं समझते जो, वे दुष्कर्मों का फल चखते हैं।
आज सभ्यता वहशी बन, पेड़ों को काट रही है
जहर फेफड़ों में भर, इनसानों को बाँट रही है।
हो सकता है पास तुम्हारे, अपनी कुछ धरती हो
फूल-फल लदे अपने उपवन हों, अपनी परती हो।
हो सकता है छोटी-सी क्यारी हो, महक रही हो
छोटी-सी खेती हो जो फसलों से दहक रही हो।






कविता का लययुक्त वाचन कीजिए।




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Answers

Answered by shubhamkh9560
4

Explanation:

एक-एक पत्ती पर हम सबके सपने सोते हैं

शाखें कटने पर वे भोले, शिशुओं-सा रोते हैं।

पेड़ों के संग बढ़ना सीखो, पेड़ों के संग खिलना

पेड़ों के संग-संग इतराना, पेड़ों के संग हिलना।

बहुत दिनों से सोच रहा था, थोड़ी धरती पाऊँ

उस धरती में बाग-बगीचा, जो हो सके लगाऊँ।

खिलें फूल-फल, चिड़ियाँ बोलें, प्यारी खुशबू डोले

ताजी हवा जलाशय में अपना हर अंग भिगो ले।

बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं

नहीं समझते जो, वे दुष्कर्मों का फल चखते हैं।

आज सभ्यता वहशी बन, पेड़ों को काट रही है

जहर फेफड़ों में भर, इनसानों को बाँट रही है।

हो सकता है पास तुम्हारे, अपनी कुछ धरती हो

फूल-फल लदे अपने उपवन हों, अपनी परती हो।

हो सकता है छोटी-सी क्यारी हो, महक रही हो

छोटी-सी खेती हो जो फसलों से दहक रही हो।

Answered by pranjalsharma8077
4

mai aapko bolkar kaise bataoon mujhe pata h is kavita ko लययुक्त kaise karna h

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