bhakti pad ka padya bhav
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चरन कमल बंदौ हरि राई ।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई॥
बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई ।
सूरदास स्वामी करुनामय बार-बार बंदौं तेहि पाई ॥१॥
सूरदास जी कहते हैं कि श्री कृष्ण भगवान की कृपा से लंगड़ा व्यक्ति पर्वत को लाँघ लेता है। अन्धे को सब कुछ दिखाई देने लगता है। बहरा व्यक्ति सुनने लगता है। गूंगा बोलने लगता है और गरीब व्यक्ति अमीर हो जाता है। ऐसे दयालु श्री कृष्ण भगवान की चरण वन्दना कौन नहीं करेगा।
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