Bhasha nahi hoti to kya hota
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भाषा नहीं होती तो हमारा जीवन बहुत मुश्किल होता | हम अपने विचारों को दूसरों से शेयर नहीं सकते थे | किसी से बात नहीं कर पाते और पूरे दुनिया को जान नहीं पाते। भाषा के बिना जग सुनसान है। भाषा के बगैर हम कुछ भी नहीं। भाषा के माध्यम से हम सब की बाते समझ सकते है | भाषा से हम किताबें भी पढ़ सकते है | यदि कोई भाषा नहीं होती, तो भावनाओं और विचारों को व्यक्त करना बहुत मुश्किल हो जाता।
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भाषा
भाषा जिसके प्रयोग से हम अपने विचारों अपने तर्कों और अपनी जरूरतों को एक दूसरे के साथ व्यक्त कर पाते हैं । अगर भाषा नहीं होता तो हम अपने विचारों अपने तर्कों और अपनी जरूरतों को एक दूसरे के साथ व्यक्त नहीं कर पाते ।
भाषा नहीं होता तो हमारा जीवन बहुत मुश्किल भरा होता । जिससे हमें अनेक कठिनाइयां होती ।
जैसे ना ही हम किसी से बोल पाते, और ना ही एक दूसरे को समझ पाते, और इस जग को समझना तो बहुत ही दूर की बात।
हमें दूसरे से कुछ व्यक्त नहीं कर पाते , अगर भाषा होती तो हम कुछ भी पढ़ सकते , कुछ भी लिख सकते, कुछ भी व्यक्त कर सकते ।
भाषा हमारे जीवन का एक बहुत ही अनमोल पहलू है। इसके बिना किसी का भी जीवन अधूरा हो सकता है ।
भाषा इस दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत है। जिसके जनक आचार्य पाणिनि जी थे। इन्होंने ही संस्कृत भाषा को जन्म दिया था ।एवं संस्कृत व्याकरण को समृद्ध बनाया था ,और संस्कृत भाषा से ही हिंदी भाषा का जन्म हुआ है।