bhor aur barkha kavita se kya sikh milti hai
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Answer:
vvvccfffddfffggv a good day to you too dear friend don't have a friend don't know how it is not possible for me and you are not your friend and I will be happen to you and your friends or you can you send it to me in the group and you
Explanation:
'भोर और बरखा' मीराबाई द्वारा रचित दो पद हैं। पहला पद भोर अर्थात् सुबह के बारे में हैं। दूसरा पद बरखा अर्थात वर्षा ऋतु के बारे में है। कवयित्री ने माँ यशोदा द्वारा बाल कृष्ण को जगाने का वर्णन किया है।
भोर और बरखा अर्थात् प्रभात और वर्षा इनसे संबंधित पदों में मीरा बाई ने अपनी अनन्य भक्ति व प्रेम कृष्ण के प्रति दर्शाया है कि कैसे प्रभात के समय वे श्रीकृष्ण को उठाना चाहती हैं और वर्णन करती हैं कि घर-घर के दरवाजे खुल गए हैं, गोपियाँ दही बिलो रही हैं, ग्वाल बाल सब गौओं को चराने जा रहे हैं व दूसरे पद में वर्षा ऋतु का वर्णन है की बादलों के आते ही मेरा को भनक पड़ता है कि श्री कृष्ण आ रहे हैं चारों तरफ शीतल और सुहानी पवन चलती है ऐसे में मीरा देवी कृष्ण जी के आने की खुशी में सुंदर गीत गाना गाना चाहती है