Hindi, asked by akshits055, 1 year ago

bhrun hatya ke liye kya pursh jimme dar h ya nhi (vaad vivad ke liye dono paksh ke 2 points)

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Answered by Anonymous
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खोर में ‘कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कानून ही पर्याप्त है’ विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। इसमें पक्ष-विपक्ष की ओर से प्रतियोगियों ने बेहतर तर्क दिए। प्राचार्य एएस गंगवार ने बताया निर्णायक पैनल ने विद्यार्थियों के विचारों को सराहा। निष्कर्ष निकला अपराधियों को सजा दिलाने के लिए क्रियाशील होना चाहिए। माता-पिता कन्याओं को बोझ न समझें।

मोदी सरकार भी कन्या भ्रूण हत्या और बेटियों के प्रति समाज में होने वाले भेदभाव को लेकर गंभीर है. इसी कारण “बेटी बचाओं बेटी बढाओ” का अभियान चला रही है.जिसके माध्यम से भ्रूण हत्या के अपराध से जनता को जागरूक किया जा सके और परिवार में बेटियों को बेटों के बराबर का हक़ मिले, उसे पढ़ने के और अपने जीवन में उन्नति के पर्याप्त अवसर मिल सकें. परन्तु इस समस्या के पीछे मनोवैज्ञानिक कारणों को कभी भी समझने का प्रयास नहीं किया गया. इसी कारण व्यापक प्रचार प्रसार के बावजूद महिला और पुरुष अनुपात निरंतर घटता जा रहा है.जिससे स्पष्ट होता है की चोरी छुपे भ्रूण हत्या अभी भी जारी है.समाज की इसी विचार धारा के कारण अवैध कार्य करने वाले डाक्टरों की चांदी हो रही है.आखिर क्यों कोई माता पिता जोखिम लेकर भी कन्या के जन्म को रोकने का उपाय कर रहे हैं.

गिरते लैंगिक अनुपात से चिंतित होना संवेदन शील समाज के लिए स्वाभाविक है,और भविष्य में सामाजिक संतुलन के लिए खतरनाक भी है.परन्तु इस समस्या की जड़ में जाना भी आवश्यक है,आखिर वो कौन से कारण हैं जिसकी वजह से माता पिता और परिवार बेटियों के जन्म को रोकने के लिए अपराध करने को मजबूर हैं और अपने बच्चे को ही दुनिया में आने से रोक देते हैं


akshits055: Not to the point
adyy37: ji isme apko report nhi likhni he isme vaad vivad likhna he
akshits055: Dono ke pkasb ke points pl ls
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