Hindi, asked by sonakumawat9660, 4 months ago

-बई जागीरदारामबट
तिब्बत को जमीन बहुत अधिक छोटे
बहुत ज्यादा हिस्सा मठो (विहारों) के हाथ में है।
अपनी अपनी जागीर में हरेक जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है , जिसके लिए
मज़दूर बेगार में मिल जाते है। खेती का इंतजाम देखने के लिए वहां कोई भिक्षु
भेजा जाता है, जो जागीर के आदमियों के लिए राजा से कम नहीं होता।
शेकर की खेती के मुखिया के भिक्षु ( नम्से ) बड़े भद्र पुरुष थे। वह बहुत प्रेम से
मिले , हालांकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था की उन्हें कुछ भी ख्याल करना
चाहिए था। यहाँ एक अच्छा मंदिर था, जिसमें कन्जूर ( बहुवचन - अनुवाद ) की
हस्तलिखित एक सौ तीन पोधियाँ राखी हुई थी , मेरा आसन भी वही लगा।


(i) तिब्बत में कृषि भूमि की क्या व्यवस्था है ?

(ii) शेकर विहार के बौद्ध मंदिर में लेखक के लिए क्या आकर्षण था ?


(iii) नम्से कौन थे?

Answers

Answered by Asimmahi
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Answer:

वाक्य में शब्दों के प्रयुक्त होने पर शब्द पद कहलाते हैं। वाक्य में शब्द नहीं, पद होते हैं। वाक्य में प्रत्येक पद के स्वरूप तथा अन्य पदों के साथ उसका संबंध बताने की क्रिया को पद-परिचय कहते हैं।

पदपरिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। 'पदनिर्देश', 'पदच्छेद', 'पदविन्यास', पदपरिचय के ही पर्यायवाची शब्द हैं। पदपरिचय में वाक्य के पदों का परिचय, उनका स्वरूप एवं दूसरे पदों के साथ उनके संबंध को दर्शाना होता है, अर्थात व्याकरण संबंधी ज्ञान की परीक्षा और उस विद्या के सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग ही पदपरिचय का मुख्य उद्देश्य है।

पद परिचय के भेद

प्रयोग के आधार

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