बलबन की लौह और रक्त की नीति क्या थी?
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balban tackled internal and external affairs with firmness this was known as the policy of blood and iron
Answer:
बलवन की लौह एवं रक्त नीति के अन्तर्गत वो अपने विरोधियों और विद्रोहियों की हत्या कर देता था और उसके बीवी-बच्चों को गुनाम बना लेता था।
बलवन जिसका पूरा नाम गयासुद्दीन बलबन था, वह दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश का एक शासक था उसने 1240 से 1287 की अवधि के बीच राज्य किया था। बलवन एक तुर्क गुलाम था, जो गुलाम के रूप में भारत लाया गया था और इल्तुतमिश ने उसे खरीद लिया था। वह निरंतर उन्नति कर के उच्च पदों तक पहुंचता गया और सुल्तान के पद को प्राप्त किया। बलबन ने सुल्तान के पद को दैवीय कृपा माना उसका राजत्व सिद्धांत निरंकुशता पर आधारित था। उसने अपने दरबार में सिजदा और पैबोस प्रथा की शुरुआत की थी। वह तुर्की और गैर तुर्की लोगों में भेदभाव करता था क्योंकि वह स्वयं तुर्क था।