बस की यात्रा पाठ में किस-किस पर व्यंग्य किया
गया है।
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✌PLEASE MARK ME BRAINLIST✌
उत्तर- लेखक ने इस पाठ में सविनय अवज्ञा आंदोलन का जिक्र बस की जर्जर हालत को व्यक्त करते हुए किया है। वे लिखते हैं कि बस के हर हिस्से को असहयोग करने की ट्रेनिंग मिल चुकी है। सीट का बॉडी से बॉडी का सीट से कोई तालमेल न होने से पूरी बस हिचकोले खाती हुई चल रही थी। बस के इस तरह चलने से सभी यात्रियों को बहुत कष्ट हो रहा था।
☺ take care and keep smiling☺
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उत्तर- लेखक ने इस पाठ में सविनय अवज्ञा आंदोलन का जिक्र बस की जर्जर हालत को व्यक्त करते हुए किया है। वे लिखते हैं कि बस के हर हिस्से को असहयोग करने की ट्रेनिंग मिल चुकी है। सीट का बॉडी से बॉडी का सीट से कोई तालमेल न होने से पूरी बस हिचकोले खाती हुई चल रही थी। बस के इस तरह चलने से सभी यात्रियों को बहुत कष्ट हो रहा था।
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