India Languages, asked by anupeethambaran9443, 8 months ago

चोल काल के अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर से पायी गईं कांस्य प्रतिमाओं के मुद्रित चित्र खोजें

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Answered by bhatiamona
1

हिमाचल प्रदेश और कश्मीर से पायी गईं कांस्य प्रतिमाओं के मुद्रित: हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के क्षेत्रों में भी बौद्ध देवताओं तथा हिंदू देवी-देवताओं की कांस्य प्रतिमाएं बनाई जाती थी| इन में से अधिकांश मूर्तियाँ आठवीं और नौवीं और दसवीं शताब्दियों की बनी पाई गई है| भारत के अन्य भागों में पाई जाने वाली प्रतिमाओं से अगर इस प्रतिमाओं की तुलना की जाए तो दोनों के बीच स्पष्ट अंतर दिखाई देता है |  

परिवर्तन यह पाया गया है कि , इस क्षेत्रों में चार सिरों वाले चतुरानन विष्णु की पूजा की जाती थी| यह व्यूह सिद्धांत पर आधारित है और ऐसे चतुरानन विष्णु को बैकुंठ विष्णु कहा जाता है| विष्णु की चतुरानन मूर्ति का मध्यवर्ती या केन्द्रीय मुख वासुदेव का होता है और बाकी दे मुख नरसिंहा और वराह के होते है | नरसिंहा अवतार हिमाचल प्रदेश में पाई जाने वाली मूर्तियाँ में अत्यंत प्रचलित और लोकप्रिय रही है|

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भारतीय कला का परिचय कक्षा -11  

पाठ-7  भारतीय कांस्य प्रतिमाएं  

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चोल कालीन कांस्य प्रतिमाओं को सर्वाधिक परिष्कृत क्यों माना जाता है?

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भारत में पत्थर और धातु से मूर्तियाँ बनाने की कला साथ-साथ चलती रही। आपकी राय में, इन दोनों प्रक्रियाओं के बीच तकनीक, शैली और कार्य/उपयोग की दृष्टि से क्या-क्या समानताएँ और अंतर हैं?

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आपके विचार से क्या कांसे की ढलाई की तकनीक एक सतत प्रक्रिया है और इसका विकास आने वाले समय तक कैसे हुआ?

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Answered by Anonymous
9

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हिमाचल प्रदेश और कश्मीर से पायी गईं कांस्य प्रतिमाओं के मुद्रित: हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के क्षेत्रों में भी बौद्ध देवताओं तथा हिंदू देवी-देवताओं की कांस्य प्रतिमाएं बनाई जाती थी| इन में से अधिकांश मूर्तियाँ आठवीं और नौवीं और दसवीं शताब्दियों की बनी पाई गई है| भारत के अन्य भागों में पाई जाने वाली प्रतिमाओं से अगर इस प्रतिमाओं की तुलना की जाए तो दोनों के बीच स्पष्ट अंतर दिखाई देता है |  

परिवर्तन यह पाया गया है कि , इस क्षेत्रों में चार सिरों वाले चतुरानन विष्णु की पूजा की जाती थी| यह व्यूह सिद्धांत पर आधारित है और ऐसे चतुरानन विष्णु को बैकुंठ विष्णु कहा जाता है| विष्णु की चतुरानन मूर्ति का मध्यवर्ती या केन्द्रीय मुख वासुदेव का होता है और बाकी दे मुख नरसिंहा और वराह के होते है | नरसिंहा अवतार हिमाचल प्रदेश में पाई जाने वाली मूर्तियाँ में अत्यंत प्रचलित और लोकप्रिय रही है|

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